RANCHI : सूबे में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी की नई कार्यसमिति के एलान होने के साथ ही वरिष्ठ नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओ तक मे असंतोष है। भारतीय जनता पार्टी की नई कमेटी का मामला दिल्ली तक पहुंच गया है, तो दूसरी ओर राजधानी रांची मे दो दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओ को वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा का साथ मिला।

सीएम और ताला तलब

नई कमेटी की घोषणा को लेकर राज्य मे पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद मंगलवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित साह ने मुख्यमंत्री रघुवर दास और प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी को दिल्ली तलब किया। देर शाम तक राष्ट्रीय नेता रामलाल के घर इस मामले को पटाक्षेप करने को लेकर बैठक हुई, जिसमे प्रदेश प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद रहे।

क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान नही

नई कमेटी को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी असंतोष जाहिर किया। वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा की कोई भी कमेटी बनाने से पहले जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान मे रखा जाता है। लेकिन नई कार्यसमिति मे क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान नही रखा गया है। मंत्री सरयू राय ने कहा की नई कमेटी की घोषणा करने से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सलाह मशविरा नही किया गया। पार्टी के विधायक राधाकृष्ण किशोर ने भी असंतोष जाहिर किया है।

युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अनशन पर

युवा मोर्चा के कार्यकर्ता नई कमेटी की घोषणा के बाद से ही हरमू पार्टी के कार्यालय के सामने गेट पर अनशन पर बैठे हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पार्टी के लिए जो जुझारू कार्यकर्ता हैं उनको अनदेखी की गई है। ऐसे आदमी को युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है जिनके बारे मे कार्यकर्ता भी नही जानते है। यही आरोप अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ता भी लगा रहे हैं।

गणेश मिश्रा ने भी छोडा पद

नई कमेटी मे प्रशिक्षण प्रमुख बनाए गए पार्टी के वरिष्ट नेता गणेश मिश्रा ने भी प्रशिक्षण प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले सोमवार को प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में चुनी गई पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्‍‌नी मीरा मुंडा ने अपना इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। इतना ही नहीं अगले दिन एक और प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू और एक महामंत्री अजय नाथ शाहदेव ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

ताला ने बनाई है यह टीम (बॉक्स)

नई कार्यसमिति में पांच उपाध्यक्ष, दो प्रदेश महामंत्री, चार मंत्री, एक कार्यालय मंत्री, एक मीडिया प्रभारी और दो प्रवक्ता शामिल किये गए हैं। इसके अलावा एक प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख, 41 कार्यसमिति सदस्य और मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत नौ स्थायी आमंत्रित सदस्यों को जगह दी गयी है। साथ ही युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्षों के नामों की भी घोषणा कर दी गयी है।

ताला ने की नादानी (बॉक्स)

1-वरिष्ठ नेताओं को विश्वास मे नही लिया।

जानकारी के मुताबिक इस संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से किसी तरह की चर्चा नहीं की गयी और ना ही उनसे कोई राय ली गई। सबसे आश्चर्यजनक यह है की इस मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी कोई चर्चा नहीं की गई, इसको लेकर भी पार्टी के अन्दर बवाल मचा हुआ है।

2-आनन फानन मे जारी हुई लिस्ट

नई कार्यसमिति की घोषणा भी बडे ही अजीब तरीके से की गई है। रविवार की देर शाम को अचानक प्रदेश बीजेपी के एक व्हाट्सअप ग्रुप पर नई कार्यसमिति की गठन की जानकारी प्रसारित की गयी, उसके कुछ ही घंटों के बाद नई कमेटी का लिस्ट जारी कर दिया गया।

3-देर से बनी नई कमेटी

ताला मरांडी द्वारा नई कमेटी को बनाने मे ढाई महीने का समय लिया गया इसके बावजूद विरोध होने लगा। 17 मई को ताला मरांडी को केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया, इसके बाद ढाई महीने तक नई कमेटी को लेकर कोई जानकारी कार्यकर्ताओं और नेताओं को नही हुई। एका एक ढाई महीने के बाद कमेटी की घोषणा की गई, उसके बाद भी असंतोष उभरा।

4-केंद्रीय नेतृत्व से नही लगी मुहर

कोई भी प्रदेश की नई कमेटी की घोषणा के समय केंद्रीय नेतृत्व की मुहर लगती है। लेकिन प्रदेश प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कमेटी की घोषणा के बाद ही बयान जारी किया कि कमेटी की घोषणा के बारे मे हमे कोई जानकारी नही है।