RANCHI: फिल्म एक दूजे के लिए का एक दिलकश गाना तो आपको याद ही होगा। मेरे जीवन साथी, प्यार किए जा पूरा गाना लिफ्ट के भीतर ही फिल्माया गया था। लेकिन, झारखंड सरकार ने एक ऐसा नियम बनाया है, जिससे लाइट ऑफ हो जाने पर भी लिफ्ट में आप नहीं फंस पाएंगे। लिफ्ट के मालिकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बिजली चली जाने की दशा में लिफ्ट में फंसे लोगों को बचाने के लिए ऑटोमेटिक रेस्क्यू सिस्टम लगा हुआ हो, ताकि लिफ्ट अपने सबसे करीबी सतह पर आकर रुके और उसका दरवाजा खुद ही खुल जाए। यह प्रावधान किया गया है झारखंड लिफ्ट एंड एस्केलेटर एक्ट-ख्0क्7 में, जिसे मंगलवार को कैबिनेट ने अप्रूव कर दिया।

पुरानी लिफ्ट का भी रजिस्ट्रेशन

सरकार ने लिफ्ट और एस्केलेटर के संचालन को कानून के दायरे में लाने की जो योजना तैयार की है, उसके तहत पुरानी लिफ्ट और एस्केलेटर का भी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। कानून के प्रभावी होने के दो महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वहीं, नई लिफ्ट या एस्केलेटर, जो अब लगेंगी उन्हें फ्0 दिनों के भीतर ही रजिस्ट्रेशन करा लेना होगा।

हर लिफ्ट की उम्र ख्0 साल

नए नियम के मुताबिक, किसी भी लिफ्ट या एस्केलेटर को ख्0 साल तक ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस अवधि के बाद लिफ्ट बदलनी होगी। राज्य सरकार की ओर से लिफ्ट या एस्केलेटर के इंस्पेक्शन के लिए ऊर्जा विभाग में लिफ्ट इंस्पेक्टर नियुक्त किए जाएंगे। वे समय-समय पर लिफ्टों वाली बिल्डिंग्स का इंस्पेक्शन करेंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि लिफ्ट या एस्केलेटर सुरक्षित है। अगर लिफ्ट अनसेफ पाई गई, तो उसे बदलने का आदेश दिया जाएगा। ऐसा नहीं करने पर इंस्पेक्टर उस लिफ्ट को सील कर देंगे।

कानून तोड़ा तो तीन माह सजा

लिफ्ट या एस्केलेटर से जुड़े इस नए कानून को तोड़नेवाले लिफ्ट मालिक के खिलाफ तीन महीने कारावास की सजा या भ्0 हजार रुपए जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं, अगर पहली बार दोष सिद्ध होने के बावजूद लिफ्ट मालिक ने कानून का उल्लंघन किया, तो प्रतिदिन एक हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।

इंश्योरेंस कराना जरूरी

लिफ्ट लगाने वाली सभी बिल्डिंग्स के ओनर्स को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना जरूरी होगा, ताकि लिफ्ट में चढ़नेवाले लोगों के साथ कोई दुर्घटना होती है, तो उन्हें बीमा का लाभ मिल सके। इतना ही नहीं, हर लिफ्ट वाली बिल्डिंग में एक वर्क बुक रखना जरूरी होगा, जिसमें लिफ्ट की एक्टिविटी का पूरा डिटेल लिखा होगा। किसी प्रकार की दुर्घटना होती है, तो लिफ्ट मालिक इंस्पेक्टर को ख्ब् घंटे के भीतर इसकी लिखित सूचना देगा। इंस्पेक्टर की लिखित अनुमति के बिना एक्सीडेंट वाली लिफ्ट दोबारा चालू नहीं की जा सकेंगी।

एएमसी देना भी जरूरी

सभी लिफ्ट या एस्केलेटर ओनर्स को एनुअल मेंटेनेंस सर्विस के लिए किसी न किसी कंपनी से करार करना जरूरी होगा। अगर रख-रखाव के लिए किसी कंपनी को अधिकृत किया जाता है और उसके बाद भी कोई दुर्घटना हो जाती है, तो संबंधित कंपनी पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है।

बाक्स

कैबिनेट के अन्य फैसले

-कामर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के तहत राज्य की सीमाओं पर चल रहे क्0 चेक पोस्ट बंद किए जाएंगे

-माडा को जेएसएफ से भ्9.9म् करोड़ रुपए लेने की स्वीकृति, इससे वेतन भुगतान होगा

-कोल्हान, पलामू, संथालपरगना और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलों में क्षेत्रीय विकास प्राधिकार के गठन को स्वीकृति। आरआरडीए के क्षेत्र विस्तार को भी मंजूरी

-फ्8ब्फ्ख् आंगनबाड़ी केंद्रों को मुफ्त गैस सिलिंडर, चूल्हा आदि देने के लिए ख्म्.ख्म् करोड़ की स्वीकृति

-आदित्यपुर सीवरेज-ड्रेनेज परियोजना के लिए ख्ब्0 करोड़ भ्ब् लाख की मंजूरी

-राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एनएन पांडेय को नियुक्त करने की स्वीकृति, उनकी नियुक्ति तीन साल या म्ब् साल की आयु तक के लिए होगी

-हजारीबाग जिला की कोयल नदी पर मलकाना और लराही के बीच पुल तथा रोड निर्माण के लिए भ्फ्.फ्क् करोड़ रुपए की स्वीकृति