RANCHI : डॉक्टर्स या मेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट करना या उन्हें किसी भी तरह से क्षति पहुंचाना अब महंगा पड़ेगा। झारखंड कैबिनेट ने मंगलवार को मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी दे दी, जिसके तहत अब हॉस्पिटल में हंगामा करने, डॉक्टरों को पीटने या अन्य चिकित्सा कर्मियों के साथ दु‌र्व्यवहार करना गैर जमानतीय अपराध माना जाएगा। अपराध अगर संगीन होगा, तो तीन साल की सजा होगी। इतना ही नहीं मारपीट करनेवालों को 50 हजार रुपए बतौर जुर्माना भी भरना पड़ेगा।

नुकसान की दोगुनी भरपाई करनी होगी

मेडिकल प्रोटेक्शन बिल में इस बात का जिक्र है कि अगर मारपीट करने और चिकित्सा संस्थान की प्रोपर्टी को नुकसान पहुंचाने का दोष सिद्ध हो जाता है, तो दोषी को नुकसान हुई संपत्ति की दोगुनी राशि चुकानी होगी। दूसरी ओर, डॉक्टर्स और मेडिकल संस्थानों को भी अपनी सेवा और मरीज के प्रति ईमानदार होना होगा। उसे बीमारी, चलने वाली दवाइयां, खर्च आदि की पुख्ता जानकारी मरीजों के परिजनों को देनी होगी। अगर कोई मरीज आपात स्थिति में अस्पताल पहुंचता है, तो बिना रोकटोक उसकी चिकित्सा तत्काल शुरू करने की बाध्यता संबंधित संस्थान और चिकित्सकों की होगी। 'झारखंड चिकित्सा सेवा से सम्बद्ध व्यक्ति एवं चिकित्सा सेवा संस्थान (¨हसा एवं संपत्ति नुकसान) विधेयक, 2017' अर्थात मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को अब विधानसभा में पेश किया जाएगा। वहां से पारित होने के बाद यह कानून बन जाएगा।

विधेयक की खास बातें

- मामले में कोई एक व्यक्ति या व्यक्ति समूह पर कार्रवाई हो सकती है।

- जो अस्पताल या नर्सिग होम 'क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट' के तहत निबंधित होंगे, वही इस एक्ट के दायरे में आएंगे। जो अस्पताल या नर्सिग होम निबंधित नहीं होंगे, वे अवैध माने जाएंगे।

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इन्हें मिलेगा इस कानून का फायदा

अस्पताल, नर्सिग होम, डाक्टर, नर्स, पारा मेडिकल कर्मी, मेडिकल छात्र, पारा मेडिकल छात्र, नर्सिग छात्राएं।

60 की जगह 15 दिनों में पास होगा नक्शा

कैबिनेट ने झारखंड बिल्डिंग बायलाज में संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब 60 दिन की जगह सिर्फ 15 दिनों में नक्शा पास करने की बाध्यता स्थानीय शहरी निकायों की होगी। 15 फीसद की जगह 10 फीसद ही ओपेन स्पेस छोड़ना होगा। जो भवन ग्रीन बिल्डिंग के दायरे में आएंगे, उन्हें होल्डिंग टैक्स में विशेष रियायत दी जाएगी।

कैबिनेट के अन्य फैसले

- नेतरहाट की तर्ज पर दुमका के मसलिया, चाईबासा के नोवामुंडी तथा खूंटी के रनिया में स्कूल खोलने की मंजूरी।

- राज्य के 40025 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों को गैस सिलेंडर और चूल्हा देने का निर्णय। इस पर खर्च होंगे 41.86 करोड़ रुपये।

- राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त संस्थानों के डिप्लोमाधारियों को मिलेगी इंटरमीडिएट की मान्यता।

- 89 मॉडल विद्यालयों के प्राचार्य, उप प्राचार्य तथा अन्य शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के 1691 पदों के सृजन की मंजूरी।

- आइटीआइ के अनुदेशकों की परीक्षा अब संयुक्त परीक्षा समिति की जगह कर्मचारी चयन आयोग लेगी।