RANCHI : फूड लाइसेंस प्राप्त करने में हो रही परेशानी को लेकर चैंबर ने गंभीर रूख अपनाया है। चैंबर ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव को पत्र लिख कहा है कि फूड लाइसेंस प्रक्रिया ऑनलाइन तो है किंतु इसे लेने में असहजता महसूस कर रहे हैं। चैंबर अध्यक्ष दीपक मारू ने कहा है कि लाइसेंस प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त करनेवालों को विभाग द्वारा जवाब नहीं दिया जाता अथवा उन्हें लाइसेंस ऑनलाइन प्राप्त करें कहकर लौटा दिया जाता है।

नकली सामान की बिक्री पर चिंता

ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा वेबसाइट पर सामान और ग्राहक को भेजे जानेवाले सामान में होनेवाले अंतर पर चैंबर ने चिंता जताई और कहा कि न्यायालय ने इसपर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने कहा है कि ई-वाणिज्य कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि उनके मंच से मिलने वाले सामान असली हों। चैंबर के एमएमसीजी ट्रेड उप समिति चेयरमेन संजय अखौरी ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा ग्राहकों को भेंजे जानेवाले सामान की वैधता पर हाल के दिनों में प्रश्नचिन्ह खडे हुए हैं। ब्रांडेड कंपनी के नाम पर उसकी जगह दूसरे कंपनी के माल को बेंचा जा रहा है जिससे बाजार में लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बन रही है। इससे ब्रांडेड कंपनियों की ख्याति भी प्रभावित हो रही है।

शराब कारोबार के लिए तीन साल का मिले लाइसेंस

सरकार द्वारा शराब व्यापार को फिर से निजी हाथों में सौंपने का फैसला स्वागतयोग्य है। सरकार द्वारा लिया गया यह सकारात्मक निर्णय है तथा इसके लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हैं। चैंबर महासचिव कुणाल अजमानी ने कहा कि गत माह चैंबर और रांची वाइन डीलर्स एसोसिएशन द्वारा उत्पाद आयुक्त और सचिव के साथ बैठक में यह सुझाया था कि शराब व्यवसाय की लाइसेंस अवधि न्यूनतम तीन वर्ष की जाए।