ष्ट॥न्ढ्ढक्चन्स्न् : झारखंड के आदिवासी बच्चों को पंजाब ले जाकर ईसाई बनाने का खेल चल रहा है। लुधियाना में मिशनरी संस्था की ओर से संचालित पैस्किम मैरी क्रास बालगृह पर की गई कार्रवाई के बाद पुलिस ने इस बात का खुलासा किया है। इंद्रनगर में अवस्थित अवैध बालगृह में दूसरे राज्यों केच् बच्चों को लाकर ईसाई धर्म की पढ़ाई कराई जाती थी।

कहां-कहां के है बच्चे

बाल गृह में झारखंड के पश्चिम सिंहभूम के 30, रांची के दो, खूंटी के दो और बिहार के चारच् बच्चों को धर्मांतरण के लिए लाया गया था। चाईबासा से लुधियाना गई पुलिस ने बताया कि पंजाब पुलिस की ओर से अवैध बालगृह से निकालकर बिहार,रांची और खूंटी के आठच् बच्चों को सरकारी बालगृह में रखा है।

आज लाए जाएंगे सभी बच्चे

शनिवार को पुलिस इच् बच्चों को वहां से लेकर चाईबासा आएगी। चाईबासा के आहतू थाना प्रभारी बनारसी राम ने बताया कि पश्चिम सिंहभूम के 3च् बच्चों को उनके अभिभावक अपने साथ ले गए हैं। हम लोगों को वहां रांची व खूंटी के चार व बिहार के चारच् बच्चे मिले हैं। रांची और खूंटी के चारच् बच्चों को लेकर हम शनिवार को चाईबासा के लिए रवाना होंगे।

गया का रहने वाला है बालगृह का संचालक

बनारसी राम ने बताया कि उक्त बालगृह का संचालक बिहार के गया का रहने वाला है। वो पहले ¨हदू था। बाद में धर्म परिवर्तन कर ईसाई बन गया। लुधियाना में वो 1971 से रह रहा है। पैस्किम मैरी क्रास बालगृह में उच्त बच्चे दो-तीन साल से रह रहे थे। हम लोगों ने बराच्द बच्चों से बात की हच्। बच्चों ने प्रताड़ना की बात से इनकार किया है। हां, इतना जरूर बताया कि उन्हें ईसाई धर्म के बारे में पढ़ाया जाता था। दान में मिले पैसे च्े बच्चों का लालन-पालन करने की बात संचालक ने कही है।

बच्चों की तस्करी का बना हुआ है अड्डा

पश्चिम सिंहभूम बाल तस्करी काफी समय से हो रही है। मनोहरपुर, गोइलकेरा, सोनुवा, बंदगांव समेत अन्य इलाकों में करीब एक दर्जन बाल तस्कर सक्रिय हैं। ये बिचौलिए का काम करते हैं। इस मामले में भी चक्रधरपुर अनुमंडल क्षेत्र के एक व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है। यही अभिभावकों को बहला-फुसलाच्र बच्चों को धर्म परिवर्तन के लिए लुधियाना लेकर गया था। पुलिस पूरे गिरोह को पकड़ने की कोशिश में है। इस वजह से आरोपित के नाम को गुप्त रखा जा रहा है।