RANCHI: क्या आप यकीन करेंगे कि आज के इस दौर में भी बड़े-बड़े शहरों और महानगरों में लड़कियां खरीदी और बेची जा रही हैं? बकायदा दुकानों में इंसानों की मंडी लग रही है? यह मंडी दिल्ली में है, जहां झारखंड समेत देश के विभिन्न प्रांतों की लड़कियां बिक रही हैं। ना सिर्फ बिक रही हैं बल्कि बेहिसाब बिक रही है। गलियों में बिक रही हैं। दुकानों में, गांवों और शहरों में बिक रही हैं। सरकारी आंकड़ों की बात करें, तो सिर्फ एक साल में देश में तकरीबन ब् हज़ार लड़कियां खरीदी और बेची गईं। जबकि गैर-सरकारी आंकड़े इससे करीब सौ गुना ज्यादा हैं।

काम दिलाने के बहाने धोखा

कभी नौकरी के नाम पर, तो कभी शादी के नाम पर, कभी विदेश भेजने के नाम पर तो कभी घरों में काम करने वाली के नाम पर लड़कियों की खरीद-फरोख्त जारी है। छोटे-छोटे कस्बों, गांवों से भेड़-बकरियों की तरह लड़कियों को शहरों में लाया जा रहा है। उनकी गरीबी की बोली लगाई जा रही है और फिर उन्हें मंडी में उतार दिया जा रहा है।

दिल्ली बना है बाजार

सबसे खतरनाक तस्वीर तो देश की राजधानी दिल्ली की है। जहां प्लेसमेंट एजेंसियों की आड़ में मानव तस्करी के धंधे पर क़ानून का मुलम्मा चढ़ा कर धंधेबाज लगातार सबकी आंखों में धूल झोंक रहे हैं।

लोकल दलाल का खेल

दिल्ली के शकुरबस्ती में चलने वाली इस मंडी में झारखंड की महिला दलाल ने कहा कि वह झारखंड जाती है और वहां से लड़कियों को लाकर बेचने का काम करती है। एक बार में चार से पांच लड़कियों को ले जाती है। फिर उन्हें देश के अन्य राज्यों समेत खाड़ी देशों में बेच दिया जाता है। पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, असम और ओडि़शा जैसे राज्यों से पहले मानव तस्करी कर लड़कियों को ट्रेनों से दिल्ली लाया जाता है। फिर यहां से या तो उन्हें दिल्ली में ही बेच दिया जाता है या फिर प्लेसमेंट एजेंसी की मदद से हरियाणा, पंजाब, गुजरात और राजस्थान के अलग-अलग शहरों में पहुंचा दिया जाता है।

खाड़ी देशों में बिक रहीं लड़कियां

खास बात ये है कि इस दौरान एक तरफ तो लड़कियों से किए गए वायदे पूरे नहीं किए जाते, वहीं दूसरी तरफ उन्हें यौन शोषण का शिकार भी बना दिया जाता है। लेकिन ये हकीकत सिर्फ दिल्ली की ही नहीं है, बल्कि दिल्ली के अलावा देश के तमाम दूसरे शहरों में भी मानव तस्करी का कारोबार बदस्तूर जारी है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक ये धंधा साल दर साल लगातार बढ़ रहा है। मानव तस्करी की शिकार ज्यादातर लडकियां या तो जिस्मफरोशी के अड्डों तक पहुंचा दी गई या फिर खाड़ी देशों में बेच दी गई।

जब गरीब रथ की बोगी में बक्से में कैद मिली नाबालिग

ख्0 फरवरी, ख्0क्म् को रांची से नई दिल्ली जा रही गरीब रथ ट्रेन में एक बक्से से बच्ची की रोने की आवाज आई। यात्रियों की शिकायत पर जब बक्से को खोला गया, तो उसमें से एक क्ख् साल की बच्ची निकली। उसे मानव तस्कर बक्शे में बंद कर ले जा रहे थे। इस मामले में रेलवे कोच अमित मिश्रा को हिरासत में लिया गया था। यह बच्ची पलामू की थी, जिसे गरीब रथ ट्रेन में एक बक्से में बंद कर रखा गया था, जहां यात्रियों के कपड़े रखे जाते हैं।