RANCHI : आदिवासी युवक-युवतियों को व्यवसाय शुरू करने के लिए राज्य सरकार दो-दो लाख रुपए देगी। पहले चरण में रांची के 330 आदिवासी युवाओं का चयन इस स्कीम के लिए किया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री अनुसूचित ग्राम विकास योजना के अंतर्गत 66 महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को भी एक-एक लाख रुपए दिए जाएंगे। इस योजना का मकसद आर्थिक सहयोग कर आदिवासी युवाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाना है।

हर गांव से पांच का सेलेक्शन

रांची जिले के 66 गांवों में पांच-पांच बेरोजगार आदिवासी युवक-युवतियों का चयन मुख्यमंत्री अनुसूचित ग्राम विकास योजना के लिए किया गया है। न्यूनतम मैट्रिक पास इन बेरोजगारों का चयन आमसभा के जरिए हुआ है। फिर, इन्हें कल्याण विभाग की ओर से प्रशिक्षण दिया गया। अब उन्हें दो-दो लाख रुपए दिए जाएंगे, ताकि वे अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू कर सकें।

एसएचजी को भी सहायता

इस योजना के तहत जिले के 66 महिला एचएचजी ग्रुप को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। गांवों के विकास के लिए काम कर रहे इन महिला स्वयं सहायता समूहों को एक-एक लाख रुपए दिए जाएंगे। इन स्वयं सहायता समूहों का भी चयन आमसभा के जरिए किया गया है। इन्हें भी कल्याण विभाग की ओर से प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था है, ताकि वे बेहतर तरीके से काम कर सकें।

जेरॉक्स व ब्यूटी पार्लर खोलने के ज्यादा आवेदन

मुख्यमंत्री अनुसूचित ग्राम विकास योजना के लिए जिन आदिवासी बेरोजगारों का चयन किया गया है, उन्होंने अपनी पसंद की व्यवसाय के लिए आवेदन कल्याण विभाग को सौंप दिए हैं। आईटीडीए डायरेक्टर अरूण वाल्टर सांगा ने बताया कि ज्यादातर युवाओं ने बकरी पालन, जेरॉक्स, ब्यूटी पार्लर और गांव में परचून की दुकान खोलने के लिए आवेदन दिए हैं। अब इनके खाते में दो लाख रुपए देने की प्रक्रिया चल रही है।

बढ़ गई लाभुकों की संख्या

इस स्कीम के तहत पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा लाभुकों का चयन किया गया है। साल 2015-16 में जिले के 54 गांवों से 220 आदिवासी बेरोजगारों को इस योजना का लाभ मिला था, जबकि 2016-17 में लाभुकों की संख्या बढ़कर 330 हो गई है। इसके अलावा पिछली बार 54 महिला एसएचजी को एक-एक लाख रुपए दिए गए थे, जबकि इस बार 66 महिला स्वयं सहायता समूहों को इस स्कीम का फायदा मिलेगा।