RANCHI : झारखंड में तीन नए प्राइवेट यूनिवर्सिटी खुलने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने एक साथ तीन नए प्राइवेट यूनिवर्सिटी को शुरु करने की मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरला बिड़ला यूनिवर्सिटी (रांची), वाईबीएन यूनिवर्सिटी (रांची) और अरका जैन यूनिवर्सिटी (सरायकेला-खरसांवा) को लेटर ऑफ इं़डेंट (एलओआई) सौंप दिया। मौके पर सीएम ने कहा कि अब यहां के स्टूडेंट्स को हायर स्टडी के लिए दूसरे राज्यों का रूख नहीं करना होगा। आने वाले दिनों में कई और प्राइवेट यूनिवर्सिटी यहां दस्तक देने को तैयार है।

उच्च शिक्षा में हो रहा निवेश

इस मौके पर उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी के दस्तक देने से झारखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिल रहा है। तीन नए यूनिवर्सिटी के शुरु होने से यहां लगभग छह सौ करोड़ रुपए का निवेश होगा। इसके अलावा इन यूनिवर्सिटी में लगभग पांच से छह हजार स्टूडेंट्स को पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। यहां ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन समेत कई वोकेशनल व प्रोफेशनल कोर्स चलाए जाएंगे। इससे पहले चार प्राइवेट यूनिवर्सिटी के आने से लगभग क्ब्फ्ख् करोड़ रुपए का पूंजी निवेश होगा।

चार को मिल चुका है एलओए

राज्य सरकार ने चार निजी विश्वविद्यालयों को कैंपस खोलने की अनुमति पहले ही दे दी है। विभाग द्वारा अक्टूबर ख्0क्भ् में इनके साथ लेटर ऑफ इंटेक्ट, एलओए पर हस्ताक्षर कर दिया है। इनमें अमेटी विश्वविद्यालय, आइसेक विश्वविद्यालय, कारूण्य यूनिर्वसिटी और मेटास यूनिवर्सिटी शामिल हैं.इन सभी प्राइवेट यूनिव र्सिटी ने अपना सत्र शुरू कर दिया है।

खुलेगी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी

झारखंड में जल्दी ही प्राइवेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी खुल सकती है। कैपिटल यूनिवर्सिटी ग्रुप ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को इसका प्रस्ताव दिया है।

लाइफ साइंस की भी होगी पढ़ाई

कोलकाता की जेआईएस यूनिवर्सिटी ने लाइफ साइंसेस से जुड़े विषयों को केंद्र में रखकर विश्वविद्यालय की

खुलेंगे दो प्रोफेशनल कॉलेज

रांची और जमशेदपुर में प्रोफेशनल कॉलेज खोले जाएंगे। प्रोफेशनल कॉलेज खोलने के लिए ख्म् करोड़ रुपए के फंड को स्वीकृति दे दी गई है।

दो साल में शुरु करना होगा सत्र

प्राइवेट यूनिवर्सिटी को स्थापना से पहले राज्य सरकार को एक कैंपस वाले विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए क्0 एकड़ और कई परिसर वाले विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए मुख्य कैंपस के लिए ख्भ् एकड़ जमीन उपलब्ध कर लेने का भरोसा दिलाना होगा। एक कैंपस के लिए सरकार के खजाने में दो करोड़ और कई परिसरों के लिए ख्भ् करोड़ रुपए की व्यवस्था करनी होगी। विश्वविद्यालय स्थापना के दो साल के भीतर सरकार की ओर से तय मानदंडों को पूरा नहीं होने पर सरकार मान्यता रद्द करने की भी कार्रवाई कर सकती है।