RANCHI : शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने राज्य में खुले निजी विश्वविद्यालयों को ताकीद की है कि वे संबंधित अधिनियम के तहत निर्धारित सभी शर्ते शीघ्र पूरी करें। ऐसा नहीं हुआ तो राज्य सरकार उन्हें बंद कर लेटर ऑफ इंटेंट के लिए आवेदन देने वाले दूसरे विश्वविद्यालयों को मौका देगी। उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों के साथ बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार खुल चुके विश्वविद्यालयों का ठीक से संचालन कराना चाहती है। लेकिन आधारभूत संरचना सहित अन्य निर्धारित शर्ते निश्चित रूप से उन्हें पूरी करनी होगी।

नहीं है अपना कैंपस

शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालयों को इसके लिए दी गई दो साल की अवधि खत्म होने के बावजूद भी अपना भवन समेत अन्य शर्ते पूरी नहीं हुई हैं। उन्होंने किराये के भवनों में चल रहे विश्वविद्यालयों को नए भवनों में शिफ्ट करने का भी निर्देश दिया।

जमीन की अनिवार्यता हो शिथिल

निजी विश्वविद्यालयों के लिए 25 एकड़ जमीन अनिवार्य शर्त है। इसी के आधार पर इन्हें लेटर ऑफ इंटेंट दिया गया है। समीक्षा बैठक में इसे लेकर विश्वविद्यालयों से जानकारी मांगी गई तो अधिसंख्य ने अपने हाथ खड़े कर लिए। विश्वविद्यालय प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष रखते हुए अन्य राज्यों की तर्ज पर परिसर क्षेत्रफल के संबंध में थोड़ी शिथिलता बरतने का आग्रह किया।

क्वालिटी एजुकेशन पर जोर

मंत्री ने विश्वविद्यालय प्रतिनिधियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने तथा सकल नामांकन अनुपात में वृद्धि करने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया। कहा कि उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात बढ़ाने के लिए ही राज्य सरकार निजी विश्वविद्यालयों को बढ़ावा दे रही है।

नैक एक्रीडिएशन कराना होगा

विश्वविद्यालयों को नैक एक्रीडिएशन लेने का भी निर्देश दिया। बैठक में विभागीय सचिव अजय कुमार सिंह, उच्च शिक्षा निदेशक अबु इमरान व अन्य पदाधिकारी के अलावा 10 निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित हुए।

लागू करें छठा वेतनमान

उच्च, तकनीकी शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह ने निजी विश्वविद्यालयों को उत्कृष्ट शिक्षकों की नियुक्ति करने एवं शिक्षकों के लिए यूजीसी के छठे वेतनमान को लागू करने का निर्देश दिया।

पीएचडी सिलेबस पर स्पेशल फोकस

शिक्षा सचिव ने विश्वविद्यालयों को संचालित पीएचडी पाठ्यक्रमों पर विशेष ध्यान केंद्रित करने तथा यूजीसी के दिशा-निर्देशों के पालन की नसीहत दी।

उपस्थिति की हो मॉनिटरिंग

सचिव ने शिक्षकों एवं छात्रों की बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने तथा समय-समय पर विभाग को विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा। यह भी बताया कि भविष्य में निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों एवं छात्रों की उपस्थिति भी चांसलर पोर्टल के माध्यम से होगी।