RANCHI : झारखंड में भी बिजली का अजब-गजब खेल चल रहा है। सोमवार को राज्य में 1100 मेगावाट बिजली की जरूरत थी, जबकि झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम के पास 1150 मेगावाट बिजली उपलब्ध था। 50 मेगावाट बिजली सरप्लस होने के बाद भी सिटी समेत कई जिलों में घंटों बिजली गुल रही। बिजली की इस आंखमिचौली ने पूरे दिन लोगों को परेशान कर रखा। अब सवाल ये है कि जब जेबीवीएनएल के पास डिमांड से ज्यादा बिजली थी तो फिर क्यों लोड शेडिंग का सिलसिला नहीं थमा। लोगों को 24 घंटे बिजली क्यों नहीं मिली?

बेचनी पड़ी बिजली

जेबीवीएनएल के पास सोमवार को 50 मेगावाट सरप्लस बिजली थी। इसे निगम ने दूसरे राज्यों को बेच दिया, जबकि झारखंड के कई इलाके घंटों बिन बिजली के घंटो तड़पते रहे। यह पहला ऐसा मौका नहीं है, जब फुल सप्लाई बिजली मिलने के बाद भी लोड शेडिंग चलता रहा। पिछले कई महीनों से सिटी के बाशिंदें बिजली की इस तरह की किल्लत झेलने को मजबूर हो रहे हैं।

नहीं थम रहा पावर कट का सिलसिला

राजधानी रांची में पावर कट का सिलसिला नहीं थम रहा है। सोमवार को रांची को जरूरत के हिसाब से 240 मेगावाट बिजली की सप्लाई हुई, लेकिन कई इलाकों में घंटों बिजली गुल रही। इस बाबत जेबीवीएनएल के अधिकारियों ने बताया कि तेज हवा व बारिश की आशंका के मद्देनजर बिजली काट दी जाती है, ताकि किसी तरह का नुकसान नहीं हो। इसी वजह से जो सरप्लस बिजली है, उसे बेचा जा रहा है।

मेंटनेंस की बहानेबाजी

दरअसल मेंटनेंस व फॉल्ट ठीक करने की आड़ में बिजली काटी जा रही है। जेबीएनएलएल की मेंटनेंस की बहानेबाजी पावर सप्लाई पर भारी पड़ रही है। दरअसल, गर्मी हो या बरसात अथवा जाड़ा, हर वक्त बिजली के मेंटनेंस का काम चलता रहता है। ऐसे में सरकार का 24 घंटे बिजली देने का दावा कब हकीकत में सामने आएगा, यह लोग समझ नहीं पा रहे हैं।

कब सामान्य होगी पावर सप्लाई?

राजधानी रांची में पावर सप्लाई की स्थिति कब सामान्य हो पाएगी, इसका जवाब जेबीवीएनएल भी नहीं दे रही है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि लोकल फ ॉल्ट, और आपदा आ जाने के कारण बिजली बंद करना मजबूरी हो जाता है। साथ ही एपीडीआरपी का काम चल रहा है जिसके कारण भी कई इलाके का बिजली हर दिन काटनी पड़ रही है।