RANCHI: स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने कहा कि अलबेंडाजॉल दवा खाने से किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होता है। डॉ कुलकर्णी बुधवार को निजी स्कूल, इंटर कॉलेज और तकनीकी संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एन.डी.डी), 2019 से पूर्व आयोजित राज्य स्तरीय बैठक में बोल रहे थे। डॉ कुलकर्णी ने प्रतिनिधियों से कहा कि जितनी जल्दी हो सके स्कूलों और अन्य जगहों पर एनडीडी के पोस्टर लगवा दें, इससे बच्चों में दवा के प्रति उत्सुकता बढ़ेगी।

तुरंत भेजें रिपोर्ट

स्कूल प्रतिनिधियों की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि परीक्षा प्रभावित नहीं हो इसलिए स्कूल अपनी सुविधानुसार कार्यकम में एक दिन की फेरबदल कर सकते हैं। स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिया है कि बच्चों को दवा खिलाने के बाद विद्यालय तुरंत रिपोर्ट तैयार करें और उसी दिन ईमेल या वाट्सएप के जरिए इसे संबंधित जिलों में भेजें कि स्कूल ने इतने बच्चों को दवा खिलाई है।

1.42 करोड़ बच्चों का टारगेट

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक, कृपानंद झा ने बताया कि आठ फरवरी से शुरू हो रहे राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस में झारखंड के एक से 19 साल तक के लगभग 1.42 करोड़ से ज्यादा बच्चों को अलबेंडाजॉल दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान निदेशक ने बताया कि इस अभियान में राज्य के 23 जिलों के 43,881 निजी और सरकारी स्कूलों के बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य है।

टॉल फ्री नंबर पर परामर्श की सुविधा

कृपानंद झा ने कहा कि किसी तरह की जानकारी के लिए टॉल फ्री नंबर 104 पर फोन कर परामर्श लिया जा सकता है। जो बच्चे 8 फरवरी को दवा खाने से छूट जाएंगे उन्हें मॉपअप राउंड के दिन 14 फरवरी को दवा खिलाई जाएगी। इससे पहले राज्य प्रतिनिधियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अधिकारियों को पूरे कार्यक्रम की जानकारी दी और बताया कि मदरसों में 8 फ रवरी को आयोजन नहीं होने की स्थिति में वहां 16 फरवरी को बच्चों को अलबेंडाजॉल दवा खिलाई जाएगी।