तारिक की मौत पर सस्पेंस   
रांची पुलिस और एनआइए की टीम इस बात को लेकर सस्पेंस में है कि पटना सीरियल ब्लास्ट का आरोपी तारिक उर्फ एनुल  की मौत हुई है या फिर मरनेवाला कोई और है.  एनआईए को आशंका है कि तारिक झारखंड में रह रहा हैैं.  दरअसल पटना पुलिस ने तारिक के पास से जो मोबाइल बरामद किया है, वह रांची के सीठियो बस्ती में रहनेवाली किसी महिला के नाम से है। यह बात भी सामने आई है कि आज से करीब ढ़ाई साल पहले तारिक ने सीठियो की मजीदा नाम की महिला से सिम लेकर खुद इस्तेमाल कर रहा था। ऐसे में कई एंगल्स से एनआईए की टीम पूरे मामले को खंगाल रही है।

पुलिस नहीं हुई अलर्ट
सोर्सेज के मुताबिक, गुजरात एटीएस की टीम ने आतंकी होने के आरोप में मो दानिश को अरेस्ट किया था। अरेस्टिंग के बाद पूछताछ के दौरान मो दानिश ने एटीएस को बताया था कि इंडियन मुजाहिद्दीन का स्लीपिंग मॉडयूल झारखंड में बनाया गया है। इस टेरररिस्ट ऑर्गनाइजेशन के कई विंग के यहां काम करने की भी बात उसने कबूली थी। हालांकि, मो दानिश के दिए गए स्टेटमेंट को पुलिस ने हल्के में लिया। इस दिशा में पुलिस के अलर्ट नहीं होने का फायदा इंडियन मुजाहिद्दीन ने उठाया और स्लीपिंग मॉडयूल के थ्रू  रांची समेत कई और एरियाज में वह एक्टिव होती चली गई। इतना ही नहीं इनके काम करने के बारे में भी आईएम समय-समय पर इंफॉर्मेशंस लेती रहती थी।

बेइज्जती बर्दाश्त नहीं
पटना सीरियल बम ब्लास्ट का आरोपी मो नुमान फरार चल रहा है। मो नुमान के रिलेटिव्स का कहना है कि अगर वह अपने को इस मामले में निर्दोष मानता है तो एनआईए के पास चला जाए। उसके फरारी से जो बदनामी व बेइज्जती हो रही है, उसे अब बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।

सिटी में हैं कई ठिकाने
सोर्सेज से जो इंफॉर्मेशंस मिली है उसके मुताबिक टेररस्ट्सि ऑर्गनाइजेशन रांची के कई एरियाज में ठिकाना बनाए हुए हैं। पटना बम ब्लास्ट के बाद रांची पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम टेररस्ट्सि के ठिकानों की मुहिम में जुट गई है। यह भी आशंका है कि  ऐसे कई प्लेसेज भी सिटी में हैं, जो आतंकवादियों के लिए सेफ जोन बना हुआ है। हालांकि इन प्लेसेज को आइडेंटिफाई नहीं किया जा सका है। इसके अलावे रामगढ़ के चितरपुर व गोला,  धनबाद एवं बोकारो में भी ऐसे कई प्लेसेज हैं, जहां टेररस्टिों की ओर से बम छिपाकर रखने की भी आशंका है.  ऐसे में मुजीबिल के कॉन्टैक्ट नंबर्स की बेसिस पर पुलिस एक्शन ले रही है।