-शहीद के परिजनों की चीत्कार से हर आंख हुई नम

-बीएसएफ कांस्टेबल सीताराम उपाध्याय गिरिडीह के थे रहने वाले

गिरिडीह : जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की फाय¨रग में शहीद हुए बीएसएफ कांस्टेबल सीताराम उपाध्याय की शहादत की खबर पहुंचते ही गिरिडीह के पीरटांड़ में शोक की लहर दौड़ गई, शहीद के परिजनों की चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया, जिसने भी यह खबर सुनी और परिजनों को बिलखते देखा उसकी आंख नम हो गई, शुक्रवार तड़के ही घर में बीएसएफ कश्मीर यूनिट से फोन आया कि सीताराम उपाध्याय शहीद हो गए, ये वो शब्द थे जिसने पूरे परिवार को झकझोर दिया, छह वर्ष पहले सीताराम ने बीएसएफ में योगदान दिया था, उसके दो साल बाद उन्होंने विवाह किया, सीताराम को एक बेटी और एक बेटा है, बेटी सिद्धि की उम्र तीन साल है, जबकि बेटा कन्हैया अभी दो साल का है,

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माता-बाप की छिन गई बुढ़ापे की लाठी

सीताराम की शहादत के बाद न केवल उनकी पत्नी का सुहाग उजड़ा और बच्चों के सिर से पिता का साया छिन गया, बल्कि बूढ़े माता-पिता के बुढ़ापे की लाठी भी छिन गई है, उनके पिता दिव्यांग हैं और चलने-फिरने में असमर्थ, सीताराम अपने पिता का पूरा ख्याल रखते थे, उनके शहीद होने की खबर सुनकर पिता बिलख पड़े, कहा उनका लाल उन्हें छोड़कर चला गया, अब उनका क्या होगा, कौन उनकी खोज खबर लेगा, सीमा पर रहने के बाद भी वह हमेशा उनका हालचाल लेते रहता था, रात में ही तो बात हुई थी, उसने हालचाल पूछा था, अपना ख्याल रखने की बात कही थी, पिता ने कहा कि वह हम सभी को छोड़कर जाने वाला था, इसलिए अपना ख्याल रखने की बात कही, इस बुढ़ापे में, जब उन्हें सहारा की जरूरत है, ऐसे में भला वह अपना ख्याल कैसे रख पाएंगे, अब कौन उनके बुढ़ापे की लाठी बनेगा, मां का भी बुरा हाल था, रो-रोकर कह रही थी, बेटा अपने बूढ़े मां-बाप को किसके भरोसे छोड़कर चला गया, अब उनलोगों की देखभाल कौन करेगा, सीताराम दो भाई थे, बड़े भाई सोनू उपाध्याय मधुबन के मंदिर में पुजारी हैं, सीताराम ने मधुबन के जैन हाई स्कूल में ही पढ़ाई की, मधुबन से ही फोर्स में जाने की तैयारी भी की थी, सीताराम पूरे परिवार को साथ लेकर चल रहे थे, ऐसे में उनके जाने से परिवार वालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है,

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पत्‍‌नी बोली, पाकिस्तान को करारा जवाब क्यों नहीं दे रही सरकार

शहीद की पत्नी रेशमी मीडिया से बात करते हुए सरकार पर बरस पड़ी, कहा, केंद्र सरकार पाकिस्तान को करारा जवाब क्यों नहीं दे रही है, पाकिस्तान का मनोबल बढ़ा हुआ है, सिर्फ दिखावटी फायरिंग नहीं होनी चाहिए, पाकिस्तान को भारत की शक्ति का अहसास कराना चाहिए, बताया कि रात करीब दस बजे उनकी सीताराम से बात हुई, उन्होंने बताया कि दूसरे बटालियन से मुठभेड़ जारी है, उन्होंने पति को ठीक से रहने की सलाह दी, बताया कि 12 बजे रात से उनकी ड्यूटी थी, फिर उनसे बात नहीं हुई, सुबह में शहीद होने की सूचना मिली,

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आज पहुंचेगा पार्थिव शरीर, होगा अंतिम संस्कार

परिजनों ने बताया कि सीताराम का पार्थिव शरीर शनिवार शाम करीब 4:30 बजे तक गांव पहुंचेगा, बीएसएफ के पदाधिकारी ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर से उनका पार्थिव शरीर हवाई मार्ग से दिल्ली लाया जाएगा, वहां से शनिवार सुबह 11 बजे हवाई मार्ग से ही रांची के लिए चलेगा, रांची एयरपोर्ट पर 12:30 बजे पार्थिव शरीर पहुंचेगा, वहां से उसे बीएसएफ कैंप ले जाया जाएगा, वहां शहीद जवान को सलामी और श्रद्धांजलि देने के बाद पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया जाएगा, यहां गांव स्थित कुलमती नदी में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा,

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