RANCHIक्या है मामला

जानकारी के मुताबिक, रांची के एक स्कूल में पढ़नेवाली नाबालिग छात्रा के अपहरण मामले में बरामदगी को लेकर छात्रा की मां आरोपी की पत्‌नी को लेकर कोतवाली थाना पहुंची थी। कोतवाली इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसके फोन का मोबाइल लोकेशन निकाला, फिर एक टीम को पलामू भेजा। पलामू पुलिस की मदद से अपहृत छात्रा को पलामू से बरामद कर लिया गया। पुलिस ने आरोपी अजय कुमार उर्फ पवन मिर्धा को गिरफ्तार कर लिया है, जो मखमंद्रो का रहनेवाला है। गौरतलब हो कि छात्रा छुट्टी में रातू थाना क्षेत्र के बेलांगी स्थित मौसी के घर गई थी, उसी क्रम में छात्रा को बहलाया और फुसलाया गया था। आरोपी ने छात्रा को बात करने के लिए एक सिम भी दिया था। मां ने मानव तस्करी की आशंका जताई थी।

 

28 नवंबर को अगवा हुई थी लेडी कांस्टेबल की बेटी, कोई सुराग नहीं

इधर, रांची पुलिस में पदस्थापित महिला पुलिसकर्मी की नाबालिग बेटी के अपहरण मामले में 50 दिन बाद भी बरामदगी नहीं हुई है और न कोई ठोस पहल हुई है। नाबालिग का अपहरण 28 नवंबर की शाम रातू रोड से की गई। इस संबंध में महिला पुलिसकर्मी रीता देवी ने नाबालिग बेटी के अपहरण की रिपोर्ट सुखदेवनगर थाने में दर्ज कराया है, लेकिन अबतक उसकी बेटी को पुलिस बरामद नहीं कर सकी है। महिला पुलिसकर्मी अपनी बेटी की बरामदगी के लिए पहले थाना, फिर इंस्पेक्टर के पास गई। जब उसे वहां से कोई मदद नहीं मिली तो वह एक दिन एसएसपी के पास गई। एसएसपी ने पुलिसकर्मी की बात सुनी और उनकी बेटी को बरामद करने के लिए कोतवाली डीएसपी भोला प्रसाद सिंह को कहा। कोतवाली डीएसपी ने इस संबंध में कांड के अनुसंधानकर्ता दीनानाथ राम को इस कांड का उद्भेदन करने के लिए कहा। जब महिला पुलिसकर्मी थाने गई और बेटी के बरामद करने संबंधी बात कही तो कहा गया कि अभी उन्हें बहुत काम है। कहा गया कि टेबल पर देख रही हो, कितनी फाइल है। पहले यह काम निबटाएं कि तुम्हारी बेटी को खोजें? फिर महिला पुलिसकर्मी वहां से चली आई।

 

एसएसपी सर के आदेश पर अनुसंधानकर्ता को लड़की बरामद करने का निर्देश दिया गया है। पुलिस की कोशिश है कि लड़की को सकुशल बरामद कर लिया जाए।

भोला प्रसाद सिंह, डीएसपी, कोतवाली

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