RANCHI: अपराध और उग्रवाद पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने पुलिस की शक्तियों को बढ़ाने का फैसला लिया है। डीजीपी और जोनल आईजी स्तर के अधिकारी फरार अपराधियों- उग्रवादियों पर पांच लाख तक का ईनाम घोषित कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सरकार की इजाजत नहीं लेनी होगी। गौरतलब हो कि वर्तमान में किसी उग्रवादी या अपराधी पर इनाम की राशि रखने पर संबंधित प्रस्ताव सरकार को भेजना होता है। सरकार से सहमति मिलने के बाद पुरस्कार की राशि का एलान पुलिस द्वारा किया जाता है।

नई रिवार्ड पॉलिसी लागू करने की तैयारी

झारखंड में रिवार्ड पॉलिसी में बदलाव से संबंधित प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय ने 24 जनवरी 2018 को गृह विभाग को भेजा था। इस प्रस्ताव को गृह विभाग ने वित्त विभाग को भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही वित्त विभाग से सहमति मिलने के बाद नई रिवार्ड पॉलिसी लागू करने की दिशा में काम शुरू किया जाएगा।

400 पर ईनाम की कर सकेंगे घोषणा

नई पॉलिसी लागू होने के बाद पुलिस एक बार में अब अधिकतम 400 अपराधियों- उग्रवादियों पर रिवार्ड की घोषणा कर सकेगी। वर्तमान में यह सीमा महज 200 है। पुरस्कार के ऐलान को लेकर नीतियों में पूरी तरह बदलाव हो रहा है। उग्रवादी-अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुरस्कार की वैद्यता अब दो साल होगी, यानी फरार उग्रवादी या अपराधी गिरफ्तार नहीं हुआ तो दो साल के बाद दोबारा उस पर पुरस्कार का ऐलान करना होगा।

क्या बदलाव, क्या है नया प्रस्ताव

फरार अपराधी या उग्रवादी की गिरफ्तारी के लिए पुरस्कार घोषित करने और राशि के निर्धारण में पुलिस को अधिक अधिकार दिए गए हैं। प्रत्येक मामले में 50 हजार रुपए की पुरस्कार राशि एसपी, 75 हजार की पुरस्कार राशि डीआईजी, पांच लाख रुपए तक की पुरस्कार राशि डीजीपी और आईजी घोषित कर सकते हैं।

किसमें क्या होगा

-5 लाख रुपए से अधिक 10 लाख तक की पुरस्कार राशि के लिए गृह विभाग के मंत्री से अनुमोदन जरूरी होगा।

-10 लाख या उससे ऊपर की पुरस्कार राशि की घोषणा मुख्यमंत्री के स्तर से की जाएगी।

-प्रतिबंधित संगठनों के पदाधिकारी की गिरफ्तारी या मारे जाने की स्थिति में पुरस्कार की राशि का निर्धारण पहले से तय है। लेकिन उनके नाम की सूची डीजीपी या आईजी को सरकार की स्वीकृति के लिए भेजनी होगी।

वर्तमान में क्या है नियम

फरार अपराधी या उग्रवादी की गिरफ्तारी के लिए प्रत्येक मामले में 20 हजार तक की राशि का ऐलान एसपी अपने स्तर से कर सकते हैं। डीजीपी अपने स्तर से दो लाख रुपए तक के पुरस्कार का ऐलान करने में सक्षम हैं। दो लाख से पांच लाख की राशि की पुरस्कार घोषणा के लिए गृह सचिव की अनुशंसा जरूरी होती है।

इन नक्सली पर होगी ईनाम की घोषणा

-वैसे उग्रवादी या अपराधी जिन्हें धारा 82, 83 के तहत फरार घोषित किया गया हो।

-प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन से जुड़े उग्रवादी पर 17 सीएलए के तहत केस होने पर ही पुरस्कार का ऐलान हो सकता है।

अपराधी जिन पर घोषित होगा पुरस्कार

वैसे अपराधी जो फिरौती के लिए अपहरण, सामूहिक या जघन्य हत्या, मार्ग लूट, डकैती या लूट, डकैती के साथ हत्या, ट्रेन लूट, रंगदारी, अवैध हथियार के निर्माण और व्यापार या अन्य सनसनीखेज वारदात में शामिल होंगे, उनपर पुरस्कार रखा जा सकता है।

कोट

इस संबंध में सरकार की ओर से प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय में आने की सूचना है। यह पुलिस के लिए गौरव की बात है। पर, अभी तक इस नीति में सरकार की ओर से कोई मंतव्य नहीं आया है।

-आशीष बत्रा, आइजी सह प्रवक्ता, झारखंड पुलिस