RANCHI: मंगलवार की देर रात कश्मीर में हुए आतंकी हमले में झारखंड का एक और लाल अपने वतन के लिए शहीद हो गया। घटना बारामूला जिले की है। कूपवाड़ा में सेना के टेक्निकल सेल में नायक पद पर तैनात शक्ति सिंह के शहीद होने की सूचना चतरा के इटखोरी फॉरेस्ट कॉलोनी स्थित उनके घर बुधवार को उस समय पहुंची, जब सुबह 8 बजे पिता संत सिंह पूजा कर रहे थे। शहादत की खबर मिलते ही पूरी इटखोरी का माहौल गमगीन हो गया। चतरा एसपी अंजनी कुमार झा ने बताया कि शहीद शक्ति सिंह का शव गुरुवार को सेवा विमान से रांची एयरपोर्ट पहुंचेगा, जहां से सड़क मार्ग से चतरा भेजा जाएगा। गौरतलब हो कि एक दिन पहले सोमवार को भी कश्मीर के नौहटा में हुए आतंकी हमले में जामताड़ा जिले के मिहिजाम निवासी सीआरपीएफ कमांडेंट प्रमोद कुमार शहीद हो गए थे।

आज आएगा शव

चतरा एसपी अंजनी कुमार झा ने बताया कि वीर शहीद शक्ति का शव गुरुवार देर शाम तक रांची पहुंचेगा। वहां से सेना के विशेष वाहन से चतरा भेजा जाएगा। जिला मुख्यालय स्थित पुलिस लाईन में सेना के जवान शहीद को गार्ड आफ ऑनर देंगे। इसके बाद जुलूस की शक्ल में वाहनों के काफिले के बीच शव उनके पैतृक गांव मयूरहंड थाना क्षेत्र के अम्बातड़ी गांव ले जाया जाएगा। इधर, डीसी संदीप सिंह ने शहीद के परिवार को हरसंभव मदद देने की बात कही है।

लास्ट वीक छुटटी पर आए थे घर

शक्ति सिंह भ्8 दिनों की छुट्टी घर पर बिताकर 7 अगस्त को ही ड्यूटी ज्वाइन करने कश्मीर गए थे। उनकी पोस्टिंग हाल ही में मथुरा से कुपवाड़ा हुई थी। मंगलवार को हुए आतंकी हमले में एक पुलिसकर्मी समेत सेना के दो जवान शहीद हुए हैं।

7 अगस्त को लौटे थे घर से

शक्ति हाल में ही भ्8 दिन की छुट्टी लेकर घर आए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वो 7 अगस्त को ड्यूटी पर वापस जा रहे थे। इसी बीच कूपवाड़ा से जाने के क्रम में बारामूला जिले में आतंकी हमले में वे शहीद हो गए। शहीद शक्ति का बचपन फॉरेस्ट कॉलोनी में ही बीता था।

बेटे की कुर्बानी पर फख्र

इधर, गमगीन माहौल के बीच शहीद के परिजनों ने कहा कि बेटे की कुर्बानी का जितना गम है, उससे ज्यादा फख्र भी है। परिजनों ने कहा कि मातृभूमि पर अपने प्राणों की आहूति देनेवाले बेटे पर गर्व है और देश की रक्षा में एक क्या ऐसे हजारों बेटे कुर्बान हैं।

कौन थे शक्ति सिंह

शहीद शक्ति सिंह का घर चतरा की प्रोफेसर कॉलोनी में है। पिता संत सिंह पेशे से वकील हैं। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, शक्ति सिंह सेना के टेक्निकल सेल में नायक के पद पर तैनात थे। उनका परिवार मूल रूप से इटखोरी का रहने वाला है। शक्ति सिंह की तीन बहने हैं, जो राखी पर भाई को याद करके रो रही हैं। शक्ति सिंह ने ख्00फ् में सेना को ज्वाइन किया था। ख्008 में शक्ति सिंह की शादी हुई थी। इनके दो बच्चे हैं। एक की उम्र एक माह है। बेटे के जन्म के समय शक्ति सिंह चतरा में ही थे।