सालों से थे गायब
छोटागोविंदपुर प्राइमरी हेल्थ सेंटर में बतौर मेडिकल ऑफिसर पोस्टेड डॉ स्मिता सिंह की नियुक्ति 2009 में हुई थी, लेकिन नियुक्ति के कुछ ही समय बाद अक्टूबर 2009 में वो ड्यूटी से गायब हो गई। कुछ ऐसी ही कहानी डॉ नलिनी कुमारी की भी है। 2009 में नियुक्त हुए डॉ नलिनी कुमारी की पोस्टिंग चित्रेश्वर प्राइमरी हेल्थ सेंटर में हुई थी, लेकिन ये भी दिसंबर 2010 में ड्यूटी से गायब हो गई। इन डॉक्टर्स की ड्यूटी पर ना आने की वजह से आम लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ी। सिविल सर्जन डॉ जगत भूषण ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट में पहले से ही डॉक्टर्स की कमी है ऐसे में अगर डॉक्टर ड्यूटी पर ना आएं तो मरीजों के साथ-साथ डिपार्टमेंट की परेशानी भी बढ़ती है।

नहीं मिलती सुविधाएं
गवर्नमेंट सर्विस ज्वाइन करने के बाद भी डॉक्टर्स द्वारा अपनी सेवा दिए जाने की कई वजहें बताई जा रही हैं। आईएमए जमशेदपुर चैप्टर के सेक्रेटरी डॉ मृत्युंजय सिंह ने बताया कि कुछ डॉक्टर तो स्वार्थ की वजह से ड्यूटी पर नहीं आते, लेकिन कई सुविधाओं की कमी के चलते गवर्नमेंट सर्विस ज्वाइन करने के बाद छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि रूरल एरियाज में न तो डॉक्टर्स के रहने के लिए अच्छी व्यवस्था होती है और न ही उनके बच्चों की एजुकेशन का ही कोई इंतजाम होता है। ऐसे में डॉक्टर्स जॉब से पीछे हट जाते हैं।

डिसमिस किए गए डॉक्टर
District    Doctors की संख्या
इस्ट सिंहभूम    2
हजारीबाग    4
पलामू    5
कोडरमा    3
गढ़वा    6
चतरा    12
गुमला    7
दुमका    18
गोड्डा    1
बोकारो    1
पाकुड़    1
सिमडेगा     1
लातेहार     1
गिरिडीह     22
साहेबगंज    3
लोहरदग्गा    3
रांची    1
जामताड़ा    4
देïवघर    3
धनबाद    8
वेस्ट सिंहभूम    19

लंबे समय तक ड्यूटी से गायब रहने की वजह से डिस्ट्रिक्ट से दो डॉक्टर्स को डिसमिस किया गया है। डॉक्टर्स की कमी की वजह से काफी परेशानी होती है।
-डॉ जगत भूषण, सिविल सर्जन, ईस्ट सिंहभूम

सुविधाएं ना मिलने से कई डॉक्टर नौकरी नहीं करना चाहते।
-डॉ मृत्युंजय सिंह, सेक्रेटरी, आईएमए, जमशेदपुर

Report by : jamshedpur@inext.co.in