झीना हिकाका को नारायण पटना इलाके के बारा पेटा गाँव में रिहा किया गया। इससे पहले माओवादियों की 'जन-अदालत' अर्थात् प्रजा कोर्ट ने विधायक को रिहा करने का फैसला सुनाया था। 'जन अदालत' ने साथ ही शर्त रखी थी कि हिकाका रिहा होने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे।

माओवादी की आंध्र-ओडिशा बार्डर स्पेशल जोनल कमेटी की ओर से मीडिया को बुधवार को एक टेप जारी किया, जिसमें विधायक को रिहा करने की जानकारी दी गई।

हिकाका को रिहा करने का निर्णय मंगलवार की रात प्रजा कोर्ट में लिया गया। झीना हिकाका ओडिशा की लक्ष्मीपुर सीट से बीजू जनता दल के विधायक हैं।

24 मार्च को माओवादियों ने उनका अपहरण किया और उनकी रिहाई के लिए 10 अप्रैल तक 30 कैदियों को छोड़ने की शर्त रखी थी।

बाद में कैदियों की संख्या घटाते हुए 29 कर दी और रिहाई की समय सीमा 18 अप्रैल तक बढ़ा दी थी। लेकिन राज्य सरकार से कोई बात न बन पाने के बाद माओवादियों ने हिकाका की किस्मत का फैसला 'जन अदालत' में करने का निर्णय लिया।

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