- सिविल लाइंस के प्राइवेट हॉस्पिटल में कराया गया एडमिट

ALLAHABAD: अनजान की दोस्ती खतरे से खाली नहीं। रविवार को नवाबगंज का एक युवक जहरखुरानों के चंगुल में फंस गया। रेलवे स्टेशन के पास मिले जहरखुरानों ने उसको चाय में कोई नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया और कंपनीबाग के पास फेंक दिया। रात में राहगीरों ने उसको सड़क किनारे पड़ा देखा तो सिविल लाइंस के एक हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। फैमिली के लोग सोमवार को हॉस्पिटल पहुंचे और उसको घर ले गए।

पर्ची से लिखा था नंबर

जहरखुरानों का शिकार नवाबगंज के रहने वाले राधेश्याम कुशवाहा का बेटा अनुराग हुआ। 22 साल का अनुराग मुंबई अपने किसी रिश्तेदार के घर गया था। वह रविवार रात ही किसी ट्रेन से जंक्शन पहुंचा था। वह प्लेटफार्म नंबर की तरफ उतरा व सिविल लाइंस के लिए टेंपो में बैठ गया। जंक्शन के पास टेंपो में मिले लोग किसी चाय की दुकान पर रुके। अनुराग का कहना है कि सभी ने चाय पी। इसके बाद का उसे कुछ याद नहीं। सुबह आंख खुली तो वह एक हॉस्पिटल में एडमिट था। उसको प्रतियोगी छात्र विकास कुमार सिंह व आकाशदीप ने सुबह उसे सड़क किनारे पड़ा देखा तो सिविल लाइंस के एक हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। उसके जेब में टिकट के साथ एक पर्ची भी मिली थी, जिसमें पिता का सेलफोन नंबर लिखा था। हॉस्पिटल के लोगों ने ही घर वालों को फोन करके बुलाया था। होश में आने पर अनुराग ने बताया कि उसके पास दो हजार रुपए, एक सेलफोन, कपड़ों से भरा बैग था। वह कुछ सामान मुंबई से खरीदकर भी लाया था। घर वालों ने सिविल लाइंस पुलिस को सूचना तो दी लेकिन तहरीर नहीं दी।