एक्सचेंज चलाने को फिट नहीं जिग्नेश

वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने घरेलू जिंस बाजार के नेतृत्व में शुमार रहे जिग्नेश शाह की रवानगी तय कर दी है. शाह की कंपनी एफटीआइएल के स्पॉट एक्सचेंज एनएसईएल में हुए घोटाले से कंपनी के मुखिया का दामन दागदार हो चुका है. इस असलियत पर एफएमसी ने मुहर लगा दी है. आयोग ने शाह और एफटीआइएल को नियमों के तहत देश में किसी भी एक्सचेंज का संचालन करने के अयोग्य घोषित कर दिया है. आयोग का कहना है कि जिग्नेश एनएसईएल घोटाले से सबसे ज्यादा लाभान्वित हुए हैं.

पुलिस समेत कई एजेंसिया कर रही है जांच

शाह ने नवंबर 2003 में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) की स्थापना की थी. वह इस एक्सचेंज की प्रमोटर कंपनी फाइनेंशिल टेक्नोलॉजीज इंडिया लिमिटेड (एफटीआइएल) के चेयरमैन हैं. एफटीआइएल ही नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) का परिचालन कर रहा था. इस जिंस एक्सचेंज में सामने आए 5,600 करोड़ रुपये के भुगतान संकट की अब पुलिस सहित कई एजेंसियां जांच कर रही हैं. एफएमसी ने अपने 80 पेज के आदेश में कहा कि एनएसईएल में भुगतान संकट के बाद अब एफटीआइएल एमसीएक्स में दो फीसद से ज्यादा हिस्सेदारी रखने के अयोग्य हैं. फिलहाल इस एक्सचेंज में एफटीआइएल की 26 फीसद हिस्सेदारी है. एमसीएक्स देश का सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज है. एफएमसी के आदेश के मुताबिक अब कंपनी को एक्सचेंज में अपनी हिस्सेदारी कम करनी होगी.

सारे पद छोड़े, घोटाले में सबसे ज्यादा लाभ

शाह ने नौ अक्टूबर को समूह के एक अन्य एक्सचेंज एमसीएक्स एसएक्स के वाइस चेयरमैन और शेयरहोल्डर डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके कुछ सप्ताह बाद उन्होंने एमसीएक्स का वाइस चेयरमैन पद भी छोड़ दिया था. शाह को एनएसईएल घोटाले में सबसे ज्यादा लाभान्वित होने वाला व्यक्ति बताते हुए उन्हें देश के किसी भी पंजीकृत एक्सचेंज के प्रबंधन और निदेशक मंडल में शामिल होने के अयोग्य घोषित कर दिया गया है. इसके अलावा एफएमसी ने एमसीएक्स के पूर्व निदेशकों जोसेफ मैसी और श्रीकांत जवलगेकर को भी फिट एंड प्रॉपर नियमों के तहत किसी भी एक्सचेंज के प्रबंधन और बोर्ड में शामिल होने के आयोग्य घोषित किया है. आयोग ने कहा कि जिग्नेश शाह की साख, चरित्र, ईमानदारी और विश्वसनीयता बुरी तरह से धूमिल हुई है. शाह अब न तो सीधे तौर पर और न ही किसी कंपनी या इकाई के जरिये अप्रत्यक्ष तौर पर किसी एक्सचेंज में निर्धारित सीमा से अधिक हिस्सेदारी रख सकेंगे.

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