-मैं कुंठा में था। मुझे सिर्फ दस्तखत करने पड़ते थे

PATNA(20 Feb): बिहार में बीजेपी को बड़ा धक्का लगा है। नीतीश कुमार फिर से सीएम बनने में कामयाब हुए। गवर्नर से मुलाकात के बाद अब वे रविवार को सीएम पद की शपथ भी लेंगे। इधर, शुक्रवार को विश्वास मत से आधे घंटे पहले सीएम जीतन राम मांझी ने अपना इस्तीफा गवर्नर को सौंप दिया। दूसरी तरफ केजरीवाल स्टाइल में नीतीश कुमार ने जनता से मांफी भी मांगी। सुबह से ही विधानसभा परिसर में खासतौर से नीतीश समर्थक जुट गए थे। ज्यादातर ने राज्यपाल के निर्णय के खिलाफ मुंह पर काली पट्टी लगाई, लेकिन जैसे ही मांझी के त्यागपत्र की खबर मिली नीतीश कुमार जिंदाबाद करने के लिए सब ने पट्टी उतार ली। जेडीयू दफ्तर में भी नगाड़े गूंजने लगे और अबीर उड़ने लगे। विधानसभा की कार्यवाही अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी गई।

क्0:क्0 बजे : राजभवन पहुंचे मांझी

बिहार विधानसभा में इंतजार हो रहा था कि जीतन राम मांझी आएंगे और अपनी ताकत दिखाएंगे, लेकिन इससे पहले ही वे क्0:क्0 बजे राजभवन पहुंचे और क्0:ख्0 बजे अपना त्यागपत्र दे दिया।

क्क्:फ्0 बजे : मांझी ने उठाया पर्दा

सीएम जीतन राम मांझी ने सीएम हाउस में प्रेस कांफ्रेस बुलाई और इस्तीफे की वजह बतायी। सबसे पहले उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को निशाने पर लिया और सीटिंग अरेंजमेंट को परंपरा विरोधी कहा। कहा हमारे छह-सात विधायकों का नाम ही लिस्ट में नहीं था। विधानसभा में विपक्षी दल के नेता के रूप में नंदकिशोर यादव का नाम नहीं है। कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के आचरण पर संदेह है। प्राय: गलत काम किए उन्होंने। गैर संवैधानिक व स्वेच्छाचारी आचरण दिखाया उन्होंने। कहा कि विधायक व मंत्रियों को जान से मारने की धमकी का संदेश भी मोबाइल पर आया। सीएम मांझी को भी धमकी मिली। रामेश्वर पासवान के घर दस आदमी लगा दिए गए थे।

समझ गए थे कि गुप्त मतदान नहीं होगा

मांझी ने कहा कि गवर्नर से हमने गुप्त वोटिंग की मांग की थी, लेकिन हमें समझ आ गया कि गुप्त मतदान नहीं कराया जाएगा। ऐसे में हमारे विधायकों की सदस्यता जाने का खतरा था। क्ब्0 से ज्यादा विधायक ऐसे थे, जो गुप्त मतदान को तैयार थे पर इस परिस्थिति में वे डर गए। एक बजे रात में मीडिया से नजर छिपा कर वे मेरे आवास पर आए। विधान सभा में सिविल सर्जन, जिला प्रशासन सब का बंदोबस्त करके रखा गया था। ऐसे में कुछ भी हो सकता था।

हमारे साथ जेडीयू के ब्0 से भ्ख् विधायक

मांझी ने दावा किया कि उनके साथ जेडीयू के ब्0 से भ्ख् विधायक हैं। गुप्त मतदान में हमारे साथ होते, लेकिन हम इस परिस्थिति में विधायकों का चार-पांच लाख रुपए खर्च नहीं करवाना चाहते। खून-खराबा, मारपीट की नौबत आती। दो-दो करोड़ का लोभ दिया गया है। मंत्री बनाने का प्रलोभन दिया उनलोगों ने। हॉर्स ट्रेडिंग चल रहा था। हम दलित परिवार से आए हैं। दलितों में भी सबसे दलित। बिना पैरवी के नीतीश कुमार ने मौका दिया।

मुझसे दस्तखत करवाया जाता था

उन्होंने कहा कि मैंने अपनी मर्जी से कुछ नहीं किया। उनका कागज आता था और मैं दस्तखत कर देता था। ट्रांसफर-पोस्टिंग में बिना इच्छा के मैं दस्तखत करता था। मैं कुंठा में था। हमने कोशिश की कि काम करने की। नीतीश के आसपास के लोग ठेके की राजनीति, कमीशनखोरी की राजनीति करते रहे।

पहले भी ऐसा हो चुका है

मांझी ने लालू प्रसाद पर भी निशाना साधा। कहा, लालू प्रसाद पर आश्चर्य है कि सामाजिक न्याय के नेता से उम्मीद थी कि मांझी को डिस्टर्ब नहीं करेंगे पर जाने क्या करिश्मा हुआ कि बयान गालियां दिलाने लगीं। एससी-एसटी सुशासन नहीं चला सकता, जब ये कहा जाने लगा तब मैं मन से काम करने लगा। लेकिन दो-ढ़ाई माह भी काम नहीं करने दिया। रामसुंदर दास, भोला पासवान शास्त्री की तरह मांजी के साथ भी हुआ। द्रोपदी का चीरहरण होता रहा और भीष्म पितामह की तरह नीतीश देखते रहे। मुझे गालियां दी जा रही थीं।

यह सामाजिक न्याय का तकाजा नहीं

कहा कि पहले वित्तीय कमी की बात हो रही थी। हम कहते थे कि क्0 पुल की जगह गरीबों को सुविधा मिले। म्यूजियम पर हम इन्क्वायरी कराते। पैसे का बंदरबांट हो रहा था वहां। सड़क, पुल सब में बंदरबांट। जिस पुल का निर्माण भ्0 करोड़ में हो जाता, उसमें भ्00 करोड़ लगाया गया। जो सड़क एक करोड़ में बन जाती उसमें पांच करोड़ लगाए गए। अफसरों का पेट भरा जा रहा था। हमने सोचा ये सामाजिक न्याय का तकाजा नहीं है।

यह था आई नेक्स्ट का सवाल

जब जीतन राम मांझी ने कई तर्क दिए त्यागपत्र के तो आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने सवाल किया कि ये बताएं कि पद छोड़ना आपकी जीत है या हार? जवाब में मांझी ने कहा कि ये हमारी मोरल जीत है। हाथ बांध कर कहा कि काम करिए। फ्भ् वर्षो तक मैंने सेवा ही की लोगों की राजनीति नहीं की। क्या मांझी नई पार्टी बनाएंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ख्8 को कार्यकर्ताओं की बैठक बुलायी गई है। उसमें आगे की रणनीति पर विचार करेंगे कि क्या करना है।