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JAMSHEDPUR: जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमिटी (जेएनएसी) में जर्जर भवनों और इमारतों को गिराया जाएगा, ताकि किसी तरह की अनहोनी न हो। इसके लिए जेएनएसी शहर के घरों का 15 दिनों तक सर्वे करेगी। अधिकारियों ने बताया कि सर्वे में फेल इमारत या जर्जर भवन को मकान मालिक को स्वयं ही गिराना होगा। इसके लिए टीम गठित भी कर दी गई है, कुछ दिनों में सर्वे का काम शुरू हो जाएगा। जेएनएसी के स्पेशल ऑफिसर संजय पांडेय ने बताया कि जर्जर बिल्डिंगों की जांच कर मकान मालिक को नोटिस प्रेषित किया जाएगा। मकान मालिक के घर न तोड़ने पर जेएनएसी मकान को ढहा देगा।

देना होगा चार्ज

जर्जर दीवारों या भवनों को गिराने के आदेश के बावजूद अगर कोई इन्हें नहीं ढहाता है तो जेएनएसी इन्हें खुद गिराएगी, लेकिन इसका चार्ज भू-स्वामियों को देना होगा। अधिकारियों ने बताया कि जांच होने के बाद भू स्वामी मकान नहीं गिराता है तो झारखण्ड नगर पालिका अधिनियम 449 के तहत विशेष पदाधिकारी की ओर से नोटिस जारी किया जायेगा। इसके बाद ऐसे भवनों को जेएनएसी गिराएगी और इन्हें ढहाने में आने वाले खर्च की भरपाई भू-स्वामी से की जाएगी।

हो चुके हैं हादसे

लौहनगरी में बारिश व आंधी-तूफान में जर्जर दीवार व बिल्डिंग गिरने से कई हादसे हो चुके हैं। पिछले साल ही बिरसानगर निवासी एक बच्चे की मौत जर्जर भवन में दबने से हो गई थी। वर्ष 2017 में ही साकची में बारिश में मकान ढहने से चार महिलाओं की मौत हो गई थी।

शहर में जर्जर दीवारों-भवनों की संख्या काफी है। इनके गिरने से बड़ी दुघर्टना हो सकती है। मानसून में इसके गिरने का खतरा और बढ़ जाता है। इसको लेकर टीम गठित कर ली गई है। 15 दिनों तक सर्वे के बाद ऐसे भवनों को नोटिस भेजा जाएगा।

संजय कुमार पांडे, स्पेशल ऑफिसर, जेएनएसी