- एजुकेशन की क्वालिटी में सुधार के लिए जॉब ओरियेंटेड कोर्स किए जाएंगे शुरू

- वीसी प्रो। वीके सिंह ने गिनाई एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियां

GORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी को एक दशक के बाद 58 टीचर्स मिले हैं। इसके बाद अब हमारा फोकस दूसरी अहम जरूरतों पर होगा, जिससे यूनिवर्सिटी को बेहतर सुविधाएं मिलने लगें। इसमें सबसे टॉप प्रियॉरिटी पर नैक ग्रेडिंग पर फोकस होगा। टीचर्स मिलने के बाद अब नैक ग्रेडिंग कराने की राह आसान होगी। यह बातें गोरखपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। वीके सिंह ने कही। वह अपने एक साल की उपलब्धियां गिना रहे थे। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन का ए प्लस या ए ग्रेड हासिल करने पर है। इससे यूनिवर्सिटी को क्वालिटी एजुकेशन की राह में आने वाला बजट का रोड़ा भी दूर हो जाएगा और इससे शहर का टैलेंट शहर में ही रुकेगा।

शुरू होंगे नए कोर्सेज

वीसी ने कहा कि यूनिवर्सिटी में चल रहे परंपरागत विषयों को रोजगार परक बनाने की दिशा में काम हो रहा है। गवर्नर ने इसके लिए वीसी की एक कमेटी फॉर्म की है, जो इसका खाका तैयार कर रही है। कोर्स को अपग्रेड करने में इस बात का खास ख्याल रखा जा रहा है कि इसमें मेन कोर्स में 20 या 30 फीसदी से ज्यादा बदलाव न किया जाए। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स को बेहतर फैसिलिटी देने के लिए यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी को भी मॉडिफाई किया जाएगा, जिससे उन्हें सभी जरूरी चीजें वहीं मिल जाएं। इसके साथ ही डिपार्टमेंटल लैब को भी अपग्रेड करने की तैयारी की जा रही है।

अकेला कुछ नहीं कर सकता

वीसी ने कहा कि अरसे बाद यूनिवर्सिटी को एक मुश्त 58 टीचर्स की नियुक्ति करने का मौका मिला है। जिसे पूरा करने में सभी का सहयोग रहा है। अकेला कुछ नहीं कर सकता था, अगर सबका सपोर्ट नहीं होता, तो यह मुमकिन नहीं होता। मौके पर प्रो-वीसी प्रो। एसके दीक्षित, रजिस्ट्रार शत्रोहन वैश्य, परीक्षा नियंत्रण डॉ। अमरेंद्र कुमार सिंह के साथ ही शिक्षक संघ अध्यक्ष प्रो। विनोद सिंह आदि मौजूद रहे।

यूनिवर्सिटी की प्रमुख उपलब्धियां

- पहली बार संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन

- सेल्फ सेंटर प्रणाली को खत्म किया।

- एक दशक बाद यूनिवर्सिटी को मिले 58 टीचर्स

- इग्नू सेंटर की स्थापना

- वाई फाई की उपलब्धता हॉस्टल में

- मेन गेट पर सौ फीट ऊंचा तिरंगा

- एनआईसी की ओर से मेघराज क्लाउड सर्वर पर यूनिवर्सिटी का डाटा

- बॉटनी डिपार्टमेंट के जरिए सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए एमओयू

- नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी के साथ करार।

- पंडित दीनदयाल की कांस्य की प्रतिमा की स्थापना

- दीनदयाल शोध पीठ