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ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संयुक्त निदेशक अभियोजन की सेवा निवृत्ति के बाद पिछली तिथि से पांचवा वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के बावजूद वेतन पुनरीक्षित करने से इंकार करने के डायरेक्टर पेंशन के आदेश को रद्द कर दिया है। याची 31 जनवरी 97 को सेवानिवृत्त हुआ है। इसके बाद पांचवा वेतन आयोग की सिफारिश लागू की गई। जिसे एक जनवरी 96 से लागू किया गया।

पेंशन वृद्धि की मांग की गई थी

कोर्ट ने कहा कि अन्य संयुक्त निदेशकों के समान याची को भी बढ़ा हुआ वेतनमान पाने का हक है और उससे इंकार करना उसके साथ भेदभाव है। कोर्ट ने याची को बकाए वेतन के साथ सेवा जनित समस्त परिलाभों का भुगतान तीन माह में करने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस रणविजय सिंह तथा जस्टिस नीरज तिवारी की खंडपीठ ने विजय शंकर दुबे की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता बीएन सिंह व आरके पांडेय ने बहस की। याचिका में डायरेक्टर पेंशन के 30 नवंबर 2012 के आदेश को चुनौती दी गई थी। याची को सेवा निवृत होने के कारण वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत लाभ देने से इंकार कर दिया गया था। याचिका में ब्याज सहित पुनरीक्षित वेतनमान तय कर बकाया वेतन व पेंशन वृद्धि की मांग की गई थी।