ये विवादित फ़िल्म युद्ध ग्रस्त बोस्निया में एक मुस्लिम महिला और एक सर्बियाई युवक की प्रेम कहानी है। फ़िल्म को दर्शकों की मिली जुली प्रतिक्रिया मिली। कुछ दर्शकों का कहना है कि फ़िल्म देखते समय वो काफ़ी भावुक हो गए क्योंकि उन्हें युद्ध की विभीषिका दोबारा याद आ गई।

एक दर्शक का कहना है कि फ़िल्म वास्तविकता के काफ़ी क़रीब है और उन लोगों के लिए तो इसे देखना ख़ासतौर से काफ़ी मुश्किल है जिन्होंने यहां युद्ध के दर्द को झेला है।

दूसरे दर्शक ने कहा कि फ़िल्म देखकर अपने मनोभावों को बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। फ़िल्म में ग्रेनेड्स को फटते देखकर ऐसे लगा जैसे वो सच में कहीं आस-पास फ़ट रहे हों।

एंजेलीना जोली की ये फ़िल्म साल की शुरुआत में ही सरायेवो के अंदर विवादों में फंस गई थी। जब स्थानीय मीडिया में ऐसी ख़बरें फैल गईं थीं कि ये एक मुस्लिम बलात्कार पीड़ित की कहानी है जिसे अपने बलात्कारी से प्यार हो जाता है।

इसके बाद यहां फ़िल्म का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ और एंजेलीना जोली को यहां फ़िल्म की शूटिंग की अनुमति नहीं मिली क्योंकि उन्होंने सरकार को फ़िल्म का स्क्रीनप्ले नहीं सौंपा था। हालांकि बाद में उन्हें यहां शूटिंग की अनुमति मिल गई लेकिन तब तक फ़िल्म के ज़्यादातर हिस्से की शूटिंग हंगरी में हो चुकी थी।

फ़िल्म में बलात्कार, शोषण और दूसरे युद्ध अपराधों के कई रोंगटे खड़े देने वाले दृश्य हैं। बोस्निया में फ़िल्म आधिकारिक तौर पर फ़रवरी 2012 में रिलीज़ होगी।

उल्लेखनीय है कि 1992 में 1995 तक चले बोस्निया में चले युद्ध में 10 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे। कुछ बोस्नियाई सर्ब लोगों ने मांग की थी कि फ़िल्म पर पाबंदी लगाई जाए क्योंकि ये उन्हें खलनायक के तौर पर पेश करती है। लेकिन फ़िल्म का समर्थन करने वालों की भी कमी नहीं थी। फ़िल्म को गोल्डन ग्लोब पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फ़िल्म की श्रेणी में नामांकित किया गया है।

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