- 15 मार्च को जारी तुगलकी फरमान सोशल मीडिया पर वायरल

- हल्ला मचने के बाद एसएसपी को देनी पड़ी सफाई

बरेली।

तीन महीने पहले बतौर सीओ सीटी सेकेंड तैनात ट्रेनी आईपीएस अशोक मीणा वेडनसडे को एक तुगलकी फरमान के चलते चर्चा का विषय बन गए। एक पूरे पेज पर पांच बिन्दुओं में छपे आदेश में उन्होंने शहर के सभी थानों में पत्रकारों के 'असमय' प्रवेश पर रोक लगा दी। इसमे उनका तर्क है कि पत्रकार बंधुओं के असमय थाने आने-जाने से काम सरकारी काम प्रभावित होता है। शाम होते-होते जब मामले ने तूल पकड़ा तो एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने सफाई देनी पड़ी पत्रकारों पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई गई है। दरअसल, ट्रेनी आईपीएस ने यह आदेश 15 मार्च को जारी किया था, लेकिन इस पर हल्ला वेडनसडे को तब मचा जब यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

ट्रेनी आईपीएस अशोक मीणा के आदेश अनुसार पत्रकारों से गोष्ठी कर थाने में उनके मिलने का समय सुबह और शाम तय कर दिया जाए।

- इस तय समय की जानकारी थानों की मुख्य द्वार पर चस्पा कर दी जाए।

- थाना प्रभारी यह सुनिश्चित करें कि किसी भी पत्रकार को असमय प्रवेश न देंण् ताकि थाने में मौजूद दस्तावेजों की गोपनीयता भंग न हो।

- पत्रकारों को जानकारी थाना प्रभारी तय समय पर प्रेस नोट या मौखिक रूप से दें।

- थाना क्षेत्रों में रहने वाले पत्रकारों की सूची तैयार करें और उनकी वैधता के दस्तावेज सुरक्षित कर लें और अवैध मिलने पर कानूनी कार्रवाई करें।

- इन नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ थाना प्रभारी दंडात्मक कार्रवाई करें।

' सीबीगंज में फर्जी पत्रकारों के ख्रिलाफ एफआईआर के बाद ट्रेनी आईपीएस अशोक मीणा ने यह आदेश जारी कर दिया। वे अभी नए हैं उन्हें समझा दिया गया। आदेश का मकसद केवल फर्जी लोगों को रोकना है। पत्रकारों को थानों में या किसी कार्यालय में आने-जाने पर कोई रोक नहीं है.'

-जोगेंद्र कुमार, एसएसपी