राजेंद्र कॉलेज में जमीन पर बैठाकर ली थी पार्ट थ्री परीक्षा

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CHAPRA/PATNA : जयप्रकाश यूनिवर्सिटी के स्नातक पार्ट थर्ड के अंतिम दिन यानि 23 मई को हुई जीएस की परीक्षा में राजेंद्र कॉलेज में जमीन पर बैठाकर परीक्षा लेने की खबर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में प्रमुखता से पब्लिश्ड की गई। इसके बाद जेपीयू के वीसी प्रो। हरिकेश सिंह ने गंभीरता से लेते हुए प्रतिकुलपति प्रो। अशोक कुमार झा की अध्यक्षता में तीन सदस्यी जांच कमेटी बना दी है। जिसमें अध्यक्ष प्रतिकुलपति प्रो। अशोक झा, सदस्य छात्रसंकाय अध्यक्ष डा। आएन राय और परीक्षा नियंत्रक डॉ अनिल सिंह सदस्य बनाए गए हैं।

जांच कमेटी सौंपेगी रिपोर्ट

ज्ञात हो कि डीजे आई नेक्स्ट के 24 मई के अंक में बिहार में तो ऐसे बनते हैं ग्रेजुएट शीर्षक से कुव्यवस्था और जमीन पर बैठाकर परीक्षा लेने की खबर तस्वीरों के साथ प्रमुखता से छपी थी। जिस पर वीसी ने जांच कमेटी गठित किया है। जेपीयू के प्रभारी जनसंर्पक पदाधिकारी डॉ हरिश्चद्र ने बताया कि प्रतिकुलति की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी राजेंद्र कॉलेज में हुई 23 मई की परीक्षा की जांच होगी, कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट कुलपति को सौंपेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जांच कमेटी बनाए जाने से कॉलेज प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है।

कॉलेज के बयान में अंतर

जेपीयू के प्रीमीयर कॉलेज में शुमार राजेंद्र में 23 मई को हुई पार्ट थर्ड की जीएस की परीक्षा में परीक्षार्थियों को बरामदे, जमीन और सीढ़ी घर के नीचे, जिसे जहां जगह मिली वहां बैठाकर परीक्षा लेने की खबर छपने पर जेपीयू एवं राजेंद्र कॉलेज प्रशासन के आए बयान में अंतर है। जिसमें किसी एक का बयान गलत है।

पहले सफाई फिर जांच कमेटी

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दोपहर में प्रभारी पीआरओ डॉ हरिश्चंद्र के हस्ताक्षर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बिना जांच के कॉलेज प्रशासन को क्लीनचीट दे दी गई। जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में 24 मई के अंक में छपी खबर के बाद राजेंद्र कॉलेज के प्राचार्य से वार्ता हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि कॉलेज के सभी परीक्षा कक्ष में बैठकर परीक्षा ली गई। कोई भी परीक्षार्थी हॉल से बाहर नहीं गया। प्रभारी पीआरओ ने बयान में है कि बिना वार्ता किए मोबाइल से आमने-सामने कर फोटो प्रकाशित किया गया है जिसका हम खंडन करते है। लेकिन शाम होते-होते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच कमेटी बना दी।

गर्मी को बताया कारण

इतना ही नहीं राजेंद्र कॉलेज के प्रिंसिपल सह केंद्राधीक्षक डॉ वीपी यादव ने हस्ताक्षर से जारी बयान में कहा है कि जीईएस सभी संकाय के परीक्षार्थियों को पढ़ना होता है, जिस कारण परीक्षार्थियों की संख्या अधिक थी। अधिक संख्या होने से 1027 परीक्षार्थियों का राजेंद्र कॉलेजिएट स्कूल में भी बैठने की व्यवस्था कराई गई थी। उस दिन गर्मी चरम सीमा पर थी। कुछ वीक्षक ने गर्मी से किसी परीक्षार्थी के हताहत होने का अंदेशा जता बरामदे में बैठकर परीक्षा लेने लगे।

23 मई की जीईएस की परीक्षा में अधिक परीक्षार्थी थे जिस कारण बरामदे में जमीन पर बैठाकर परीक्षा ली गई। वैसे मैं इस घटना की जांच कर रहा हूं।

- डॉ वीपी यादव, प्रिंसिपल, राजेंद्र कॉलेज