RANCHI : हेल्थ डिपार्टमेंट के अधीन कांट्रैक्ट पर वर्षो से काम कर रहे चार हजार पारा मेडिकल स्टाफ्स के रेगुलराइजेशन का फंस गया है। झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा उनके रेगुलराइजेशन को लेकर भेजे गए अनुरोध पत्र को लौटाते हुए यह जहमत उठाने से मना कर दिया है।

सिर्फ कर सकते हैं सीधी नियुक्ति

कर्मचारी चयन आयोग ने कहा है कि वह सिर्फ सीधी नियुक्ति कर सकता है। अनुबंध पर काम कर रहे कर्मियों को स्थायी करने का अधिकार उसके पास नहीं है। यह भी कहा है कि कर्मियों को नियमित करने के लिए स्वयं विभाग ही सक्षम है। इससे ए ग्रेड नर्स, फार्मासिस्टों तथा लैब तकनीशियनों के नियमितीकरण का मामला फिलहाल लटक गया है। राज्य सरकार ने पिछले साल जनवरी में ही इनके नियमितीकरण का निर्चाय लिया था। इसके लिए नियमावली बनाई गई थी। नियमावली के अनुसार, राज्यस्तरीय पद होने के कारण ए ग्रेड नर्स, फार्मासिस्ट व लैब तकनीशियन के नियमितीकरण की अनुशंसा कर्मचारी चयन आयोग से तथा जिला स्तरीय पद होने के कारचा एएनएम की अनुशंसा उपायुक्तों के माचयम से होनी है। नियमावली लागू होने के बाद पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में ही जिलों में कार्यरत एएनएम स्थायी कर दी गई। दोनों स्तरीय पदों पर चयन के लिए अधिकतम सौ अंक निचरारित किए गए हैं, जिनमें 90 अंक अकादमिक योग्यताओं तथा 10 अंक इंटरव्यू के लिए निर्धारित है।

रेगुलेशंस में लाना होगा बदलाव

कर्मचारी चयन आयोग द्वारा नियमितीकरण से इंकार किए जाने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट आयोग से दोबारा इसके लिए अनुरोध कर सकता है। अब हेल्थ डिपार्टमेंट पर निर्भर करता है कि अब वह इस समस्या का समाधान कैसे करता है। आयोग द्वारा इसके लिए तैयार नहीं होने पर विभाग को संबंधित नियमावली में ही संशोधन करना होगा।

रिनपास मामले में नहीं सौंपी रिपोर्ट

रिनपास में विभागीय अनियमितता व अवैध नियुक्ति मामले में सोमवार को निगरानी ब्यूरो की टीम ने निगरानी कोर्ट में जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी। निगरानी के विशेष न्यायधीश मो शाकिर की अदालत ने पिछली तिथि को ही जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया दिया। मामले में अदालत ने अगली तिथि 13 अप्रैल निर्धारित की है। गौरतलब है कि रिनपास में विभागीय अनियमितता व अवैध नियुक्ति को लेकर 23 जनवरी को पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह, पूर्व स्वास्थय सचिव बीके त्रिपाठी व रिनपास के प्रभारी निदेशक अमूल रंजन के खिलाफ शिकायतवाद दायर किया गया है।