Meerut। शहर की सड़कों पर फर्राटा भर जुगाड़ को तैयार करने मात्र 15 से 20 हजार रूपये का खर्च आता है। नाम ना छापने की शर्त पर गोकुलपुर निवासी एक कार मिस्त्री ने बताया अधिकतर पुराने स्कूटर या बाइक के इंजन के साथ छोटे ठेले व रिक्शा को जोड़कर जुगाड़ तैयार किया जाता है। इनको बनाने में 15 से 20 हजार रूपये की लागत आती है। अधिकतर छोटे जुगाड़ पुराने स्कूटर या बाइक के इंजन से बनाए जाते हैं।

यह है मोटर जुगाड़ का तरीका

- पुराने स्कूटर या बाइक का इंजन लेकर उसे ठेले व रिक्शा में फिट कराकर बनाया जाता है।

- पुराने स्कूटर या बाइक की आधी बॉडी को छोटी टू व्हीलर ट्रॉली के साथ जोड़कर बनाया जाता है।

- पुराने स्कूटर या बाइक के इंजन की लागत 4 से 5 हजार रूपये आती है।

- थ्री व्हीलर रिक्शा की बॉडी आमतौर पर 2 से 3 हजार रूपये में मिल जाती है।

- तीन पहिए और वायरिंग का खर्च औसतन 2 से 3 हजार रूपये आता है।

एक से सवा लाख का जुगाड़

वहीं देहात में सबसे अधिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट और माल ढुलाई में प्रयोग किए जाने वाले ट्रॉली जुगाड़ को तैयार करने में एक से सवा लाख रूपये का खर्च आता है। इस जुगाड़ के निर्माण में डीसीएम के चेसिस से लेकर 10 से 15 एचपी का डीजल इंजन प्रयोग किया जाता है। सुरक्षा के नाम पर इन वाहनों में किसी भी मानक को फॉलों नहीं किया जाता।

डीजल इंजन वाला जुगाड़

- लोड के अनुसार नया या पुराना डीजल जेनरेटर, कीमत 30 से 40 हजार रूपये

- डीसीएम या छोटा हाथी में प्रयोग होने वाला चेसिस, कीमत 30 से 35 हजार रूपये

- कारपेंटर द्वारा तैयार कराई गई जुगाड़ की बॉडी की कीमत 15 से 20 हजार रूपये

- पुरानी गाडि़यों का स्टेयरिंग, शॉकर और ब्रेकिंग सिस्टम, 10 से 12 हजार रूपये

सोतीगंज है जुगाड़ की मंडी

यदि आपको जुगाड़ तैयार कराना है तो उसके लिए सुलभ और सस्ता सामान सोतीगंज में मिल जाएगा। सोतीगंज में वाहनों के इंजन से लेकर स्टेयरिंग, ब्रेकिंग सिस्टम, लाइट्स व पुरानी गाड़ी का चेसिस तक सस्ते दाम पर मिल जाएगा। कारण अधिकतर सामान एक्सीडेंटल या चोरी की गाड़ी का होता है।

जुगाड़ में खप रहे चोरी के वाहन

सोतीगंज के व्यापारियों की मानें तो शहर से चोरी होने वाले अधिकतर दुपहिया वाहनों के इंजन का इस्तेमाल छोटे जुगाड़ वाहनों में किया जा रहा है। दरअसल, वाहनों के इंजन का नंबर मिटाकर उसे जुगाड़ में फिट कर दिया जाता हैं। डीसीएम व ट्रॉली के चेसिस का नंबर हटाने में भी इसी प्रक्रिया को अपनाया जाता है। साथ ही इन गाडि़यों की बॉडी का खपाने के लिए वेल्डिंग से काटकर अलग-अलग पीस तैयार कर लिए जाते हैं, जो जुगाड़ के लिए एकदम फिट बैठते हैं।