- पटरियों को जोड़ने वाली जॉगल प्लेट से नट-बोल्ट व पैंड्रोल क्लिप गायब

- जर्जर ट्रैक की वजह से किसी भी वक्त हो सकता है हादसा

BAREILLY:

बरेली रेलवे जंक्शन से होकर गुजरने वाली ट्रेनें भगवान भरोसे ट्रैक पर दौड़ रही हैं। पटरियों को जोड़ने वाली जॉगल प्लेट के नट-बोल्ट व पैंड्रोल क्लिप गायब हैं। इतना ही नहीं रेलवे ट्रैक को कंक्रीट स्लीपर्स से जोड़ने वाले ज्यादातर कैप भी गायब हो चुके है। वहीं गैंगमैन और टेक्नीशियन की कमी भी रेलवे के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई है। इससे स्टेशनों पर ट्रेनों और रेलवे टै्रक की प्रॉपर चेकिंग नहीं हो पाती है। इसका सीधा और सबसे खतरनाक असर रेलवे की सुरक्षा व संरक्षा पर पड़ रहा है। हादसों को दावत दे रहे यह ट्रैक किसी भी समय मुसाफिरों के लिए आफत बन सकते हैं। पिछले दो साल में ही जंक्शन समेत मुरादाबाद वाया बरेली शाहजहांपुर ट्रैक पर ट्रेनों के डिरेल होने की करीब एक दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं।

डीआरएम की फटकार भी बेअसर

रेलवे ट्रैक पर लापरवाही यह हाल तब है, जब खुद डीआरएम मुरादाबाद प्रमोद कुमार की ओर से इस बाबत सख्त निर्देश जारी किए गए थे। 23 मार्च को डीआरएम जंक्शन का दौरा किया था। पटरियों से कैप गायब होने पर डीआरएम ने रेलवे अधिकारियों को जम कर फटकार लगाई थी। साथ ही इन खामियों को जल्द दुरूस्त करने के निर्देश भी दिए, लेकिन दो हफ्ते बीत जाने के बाद भी अधिकारियों ने डीआरएम के निर्देशों का पालन नहीं किया।

जुगाड़ पर टिका सिस्टम

रेलवे अधिकारियों ने बुनियादी व्यवस्था को मजबूत बनाने की जगह सिस्टम पर ज्यादा भरोसा दिखाया है। कमजोर ट्रैक को मजबूती देने के लिए रेलवे ने जगह-जगह लकड़ी का सपोर्ट लगाया है। जो किसी भी समय ट्रैक पर स्पीड में चलती ट्रेनों की वजह से हट सकती है। इससे गंभीर हादसा हो सकता है। कमजोर ट्रैक के चलते ही 26 जनवरी को दोहना हॉल्ट पर कपलिंग टूटने से ट्रेन नम्बर 55349 दो हिस्सों में बंट गई थी। ट्रेन बरेली सिटी से काशीपुर जा रही थी। दरअसल, ट्रैक सही नहीं होने से ट्रेनों का संचालन स्मूदली नहीं हो पाता है। ऐसे में झटके लगने से कपलिंग टूटने और ट्रेन के पटरियों से उतरने की आशंका काफी बढ़ जाती है।

ड्यूटी के बाद भी लापरवाही

ट्रैक और ट्रेनों की जांच रोज होती है। दिन में सुबह 5 से 8 बजे और दोपहर में 11 से शाम चार बजे तक की-मैन ट्रैक नियमित चेक करता है। वहीं ठंड के दिनों में ट्रैक मैन पेट्रोलिंग करते हैं। जंक्शन पर करीब 33 टेक्नीशियन तैनात हैं। एक-एक शिफ्ट में 11 टेक्नीशियन की ड्यूटी लगती है। उनकी पहली जिम्मेदारी बरेली से होकर गुजरने वाली ट्रेनों को चेक करने की होती है। बावजूद इसके जॉगल प्लेट के गायब नट-बोल्ट और पैंड्रोल क्लिप नहीं लगा पा रहे हैं। यह सिस्टम पर बड़ा सवाल है।

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जंक्शन आने वाली सभी ट्रेनों की रोजाना जांच होती है। ट्रैक पर जो कमियां है उसे दूर किए जाने का काम चल रहा है।

चेतन स्वरुप शर्मा, स्टेशन सुपरिंटेंडेंट