>Ranchi : बुधवार की शाम करीब छह बजे रिम्स कैंपस पुलिस छावनी में तब्दील हो गई। रिम्स के हॉस्टल नंबर एक से लेकर हॉस्टल नंबर सात तक पुलिस के जवान तैनात थे। पुलिस जवानों के पहुंचने के साथ ही हॉस्टल में रहनेवाले जूनियर डॉक्टर्स भागने लगे। कोई जोड़ा तालाब की तरफ भाग रहा था, तो कई कैंपस के गेट से कोकर की तरफ भाग रहे थे। ये जूनियर डॉक्टर्स जिस हालत में थे, उसी हालत में भाग रहे थे। इनमें से कोई बिना चप्पल पहने नंगे पांव ही भाग रहा था, तो कोई हाफ पैंट पहनकर भाग रहा था। दो घंटे से अधिक समय तक पुलिस हॉस्टल में रही, लेकिन इस दौरान उन्हें वहां एक भी जूनियर डॉक्टर नहीं मिला।

जूनियर डॉक्टर्स को गिरफ्तार करने पहुंची थी पुलिस

सोमवार को रिम्स के जूनियर डॉक्टर्स द्वारा मरीज के परिजन और कुछ पत्रकारों के साथ मारपीट की गई थी। इस मामले में मारपीट करनेवाले जूनियर डॉक्टर्स के खिलाफ बरियातू थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिन डॉक्टर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, उनको गिरफ्तार करने के लिए बुधवार की शाम रिम्स कैंपस में ख्00 की संख्या में पुलिस के जवान पहुंचे थे।

पूरा हॉस्टल खाली हो गया

बुधवार की शाम रिम्स कैंपस में पुलिस के पहुंचने से पहले ही रिम्स के सभी हॉस्टल खाली हो गए थे। कुछ जूनियर डॉक्टर्स, जो हॉस्टल में बचे थे, वो भी पुलिस जवानों को देखते ही हॉस्टल छोड़कर भाग गए। सभी जूनियर डॉक्टर्स के रूम में ताला बंद था। हॉस्टल नंबर एक में तीन-चार जूनियर डॉक्टर्स थे, लेकिन वो असम और नगालैंड के हैं, जिन्हें हिंदी कम समझ आ रही थी।

चार स्टूडेंट्स िहरासत में

जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है, पुलिस उनको खोजने के लिए रिम्स गई थी, लेकिन वो नहीं मिले। लेकिन, हॉस्टल में चार स्टूडेंट्स थे, जिन्हें पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।