बेहद 'महंगा' पड़ेगा जंक फूड से प्यार

स्कूलों की कैंटीन के पांच सौ मीटर दायरे फास्ट फूड नहीं मिलना चाहिए। लेकिन उन स्कूलों पर कैसे रोक लगाई जाएगी, जिनके भीतर ही फास्ट फूड बेचा जा रहा हो। स्कूल अपने आपको लाचार बताते हैं। जबकि कैंटीन के नाम पर वो हर साल कैंटीन संचालक से हजारों रुपए वसूलते हैं।

दायरे में ही क्यों

निश्चित ही इस आदेश के पीछे सरकार की मंशा है कि बच्चे जंक फूड ना खाएं ताकि उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े। लेकिन सवाल उठता है कि ये बैन स्कूल के सिर्फ पांच सौ मीटर के दायरे में ही क्यों? जंक फूड नुकसान करेगा तो पांच सौ मीटर के दायरे के बाहर भी तो कर सकता है। जिसे खाना है वो मार्केट में जाकर भी खा लेगा। अब तो पेरेंट्स खुद भी बच्चों को जंक फूड खिलाते हैं।

यहां कैसे रोकोगे

पीवीएस के आस-पास के आधा किलोमीटर के दायरे में कई पब्लिक स्कूल आते हैं। जबकि पीवीएस के भीतर और बाहर जंक फूड मिलता है। अब इन स्थानों पर कैसे रोक लगेगी जहां सबसे ज्यादा पब्लिक फेमिली के साथ आती है।

बच्चों के लिए नुकसानदायक है स्कूलों की कैंटीन

दीवान पब्लिक स्कूल

हमारी टीम दीवान पब्लिक स्कूल पहुंची। यहां पर कैंटीन में कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम और चिप्स मिलता है।

मुझे पिज्जा, बर्गर और राजमा चावल पसंद है।

-श्रुति, स्टूडेंट

मैं वैसे तो घर का खाना ही खाती हूं। लेकिन मुझे पिज्जा पसंद है।

-सृष्टी, स्टूडेंट

हम बच्चों को बाहर का खाना खाने से रोकते हैं। उन्हें टाइमली न्यूट्रिशन एक्सपर्ट से टिप्स दिलाते हैं। साथ ही मम्मी के हाथ का ही खाना खाने को ही कहते हैं। हम तो जल्द ही स्कूल कैंटीन ही बंद करने वाले हैं।

-एचएम राउत, प्रिंसीपल

एमपीजीएस

एमपीजीएस स्कूल की कैंटीन में हॉट डॉग, पिज्जा, चीज पिज्जा, चीज सैंडवीच, बर्गर, चीज बर्गर, पेटीज, समोसे, गोल गप्पे, स्नेक्स, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक आदि मिलता है।

मुझे पिज्जा बर्गर और पावभाजी पसंद है।

-अदिति, स्टूडेंट

मैं पिज्जा, बर्गर और सैंडवीच बहुत पसंद करती हूं।

-मानसी, स्टूडेंट

मुझे पनीर पिज्जा और आलू के परांठें बेहद अच्छे लगते हैं।

-अस्मिता भारद्वाज, स्टूडेंट

मैं सैंडवीच, पाव भाजी और कड़ी चावल को चाव से खाती हूं।

-साधवी त्यागी, स्टूडेंट

सैंडवीच, पिज्जा और हॉट डॉग को मैं बहुत पसंद करती हूं।

-उन्नति, स्टूडेंट

पेटीज खाना और कोल्ड ड्रिंक पीना मुझे सबसे अच्छा लगता है।

-मुस्कान, स्टूडेंट

चावमीन मेरी फेवरिट है। इसके अलावा पिज्जा और कोल्ड ड्रिंक पसंद है।

-शिवानी गुप्ता, स्टूडेंट

चॉकलेट, पिज्जा और चावमीन की तो बात ही कुछ और है।

-सिमरन, स्टूडेंट

मुझे पिज्जा, सैंडवीच और चॉकलेट बहुत ज्यादा पसंद है।

-समन अंसारी, स्टूडेंट

हम तो बच्चों को जंक फूड खाने से रोकते हैं। जब पेरेंट्स जंक फूड खिला सकते हैं तो फिर हम उन्हें कैसे रोक सकते हैं। पेरेंट्स को चाहिए कि वो बच्चों को हेल्दी चीजें खिलाएं।

-मधु सिरोही, प्रिंसीपल एमपीजीएस

दर्शन एकेडमी

यहां पर पिज्जा, पेटीज, बंद, कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट, चिप्स के साथ ही यहां की कैंटीन में तमाम फास्ट फूड मिलता है।

मैं जंक फूड के फेवर में नहीं हूं। लेकिन हमारे स्कूल में सभी बच्चे घर से टिफिन लाते हैं। जंक फूड नई जनरेशन को खराब कर रहा है। हम स्कूल में बच्चों को जंक फूड खाने से मना करते हैं। पेरेंट्स को भी बच्चों को एनकरेज नहीं करना चाहिए। साथ ही पॉकेट मनी भी कम देनी चाहिए।

-विश्व जीत दत्ता, प्रिंसीपल दर्शन एकेडमी

मैं वैसे तो लंच लाता हूं। लेकिन जिस दिन लंच ना लाऊं तो पिज्जा या बर्गर खा लेता हूं।

-अमन, स्टूडेंट

मैं डेली लंच ही लाता हूं। बाहर का खाना अवायड करता हूं। लेकिन फिर भी जो पसंद है वो खरीद लेता हूं।

-आकाश, स्टूडेंट

सीवीपीएस

यहां पर कैंटीन में पेटीज, ब्रेड पकोडा, चावल सब्जी या दाल, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक मिलता है। कैंटीन में मिल्क प्रोडक्ट, मदर डेरी के ड्रिंक, मट्ठा भर अवेलेबल कराया गया था लेकिन बच्चों ने उसे खरीदा ही नहीं।

जंक फूड अब हमारी सोसाइटी का हिस्सा बन चुका है। पेरेंट्स वीकली पीवीएस जाते हैं और ये सब बच्चों को खिलाते हैं। जब वो खुद ही खिलाते हैं तो हम स्कूल में कैसे रोकें। घर में मां ही बच्चों को इंडियन फूड नहीं खिला रही। जंक फूड का चलन रूक सकता है बशर्ते पेरेंट्स समझदार हों।

-प्रेम मेहता, प्रिंसीपल

 

कई बार लंच नहीं ला पाते हैं तो मैं पेटीज खा लेती हूं।

-वर्षा, स्टूडेंट

मुझे पेटीज बहुत पसंद हैं। मैं अकसर पेटीज खाती हूं।

-मानसी, स्टूडेंट

लंच नहीं ला पाया था इस वजह से पेटीज खा रहा हूं।

-सिद्धांत, स्टूडेंट

मुझे पेटीज खाना पसंद है, इसके साथ ही कोल्ड ड्रिंक खा लेता हूं।

-अतुल, स्टूडेंट

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