वो फिलहाल इन दिनों फिल्म बब्लगम के प्रोमोज में नजर आ रही हैं बहुत जल्दी ही सिनेमा घरों में उनकी फिल्म रिलीज होने वाली है। लखनऊ से मुम्बई तक का सफर तय करने वालों में शीतल इस जेनरेशन का ऐसा चेहरा बन कर बॉलीवुड में शामिल हो चुकी है।

बालों में लगा था तेल और चोटी

अपनी जिन्दगी के इस नए सफर की शुरुआत के बारे में शीतल बताती हैं कि यह नवम्बर की बात है जब हमारे कॉलेज की वेकेशंस चल रही थी। कॉलेज खुलने से एक दिन पहले मेरे पास हमारे हेड सर का फोन आया कि शीतल कॉलेज में एक फिल्म का ऑडीशन चल रहा है तुम भी आ जाओ। मैं स्कूल के डेकोरम मेनटेन करते हुए शलवार-कमीज, सिर में तेल लगाए हुए ऑडीशन देने पहुंच गई। करीब 400 बच्चों का ऑडीशन था। मेरा नम्बर आया और मैं रिजेक्ट हो गई।

डांटने में आता है मजा

मुझे एक्टिंग में जाने की कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन मैं रिजेक्ट हुई, इसका मुझे बुरा लगा। शीतल कहती हैं कि मैंने मन में कुछ फैसला लिया। दोबारा घर गई क्योंकि मेरा घर पास ही था। मैंने जींस टाप पहना, बालों को स्टाइल दिया और हल्का मेकअप भी किया। कॉलेज आकर मैंने सेकेंड चांस के लिए रिक्वेस्ट किया जो मुझे मिला। अब मैं दोबारा उनके सामने थी, उन्होंने मुझे एक स्क्रिप्ट दी जिसमें मुझे अपने बिगड़े हुए भाई को डांटना था। वैसे भी मुझे अपने से छोटों को डांटने में मजा आता है और मैंने कस कर डांटा और मेरा सेलेक्शन हो गया। पूरे यूपी में फिल्म के लिए ऑडीशन किये गये थे जिसमें यहां से मुझे चुना गया।

फिल्मों में ज्यादा इंट्रेस्ट नहीं है

संजीवन लाल निर्देशित और सुष्मा कौल निर्मित यह फिल्म टीन ऐजर्स पर बनाई गई है। 15 से 16 साल के बच्चे जो लड़की को देखकर अट्रैक्ट होते हैं और फिर उसे प्यार समझ लेते हैं। इस फिल्म में मेरा किरदार माला सिंह चौहान का है जो ऐसे ही भाई की बहन है। फिल्म की शूटिंग तीन महीने मुम्बई और जमशेदपुर में हुई है। तनवी आजमी और सचिन खेडेकर जैसे नामी कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिला है मुझे। जहां तक करियर का सवाल है तो मैं लॉयर बनना चाहती हूं फिल्म लाइन में मेरी कोई खास दिलचस्पी नहीं है। लेकिन कोई बहुत ही अच्छा ऑफर आता है तो मना नहीं करूंगी।

बेटी की इस सक्सेस को देखकर एलआईसी में काम करने वाले अनिल दुबे कहते हैं कि हमने कभी नहीं सोचा था कि शीतल हमारा नाम इस तरह रोशन करेगी। वो तो बस ऑडीशन देने आई थी, लेकिन जब हमें पता चला कि वो सेलेक्ट हो गई है तो हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसे हमारा पूरा सपोर्ट है। वो पढ़ाई में भी अच्छी है इसलिए हमें उसे लेकर कोई चिन्ता नहीं है।