- सड़क, सुरक्षा और सफाई स्मार्ट शहर की मूल जरूरत

- कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम पर भी फोकस करना जरूरी

LUCKNOW: स्मार्ट सिटी के मंच से विशेषज्ञों ने एक स्वर में इस बात पर जोर दिया कि जब तक बेहतर सड़कें नहीं होंगी, सीसीटीवी युक्त शहर, और हर तरफ सफाई नजर नहीं आएगी, तब तक स्मार्ट शहर की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। इसलिए जरूरी है कि हर कोई शहर को स्मार्ट बनाने के लिए इन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करे। विशेषज्ञों ने यह भी तर्क दिया कि कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर भी फोकस किया जाना चाहिए, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर हो सके। इसके साथ ही जनता की भी भागीदारी और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए। इसकी वजह यह है कि जब तक शहर की जनता जागरुक नहीं होगी, तब तक स्मार्ट शहर सही मायनों में स्मार्ट नहीं कहलाएगा।

एनर्जी सेविंग से लेकर कूड़ा निस्तारण के सुझाव

देशभर से आए विशेषज्ञों ने अपने-अपने शहर में उठाए गए स्मार्ट कदमों के बारे में बताया। किसी ने प्रजेंटेशन देकर बताया कि किस तरह से सोलर पैनल के माध्यम से एनर्जी सेविंग्स की जा सकती है तो किसी ने कूड़ा निस्तारण प्रक्रिया को बेहद आसान बनाने के तरीके बताए। हालांकि ज्यादातर शहरों की ओर से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के साथ-साथ कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम के फायदों से रूबरू कराया गया। जनता सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं को लेकर भी विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी और सुझाव दिया कि शहर में संख्या के हिसाब से नहीं बल्कि जरूरत के हिसाब से सीसीटीवी लगाए जाएंगे। इस कदम से हर नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस कर सकेगा।

लखनऊ भी किसी से कम नहीं

नगर आयुक्त डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी की ओर से भी उन बिंदुओं पर प्रकाश डाला, जिनके आधार पर शहर को स्मार्ट बन रहा है। नगर आयुक्त ने इंटीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम, हैरिटेज जोन, पैन सिटी कांसेप्ट इत्यादि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शहर में किस तरह से इन बिंदुओं पर काम किया जा रहा है। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि वर्ष 2019 तक लखनऊ सही मायनों में स्मार्ट बन जाएगा।

बोले विशेषज्ञ

स्मार्ट रोड हमारी पहचान

काकीनाड़ा में करीब आठ किमी की रोड पर पर खासा वर्क किया गया है। इस रोड पर स्मार्ट लाइटिंग, स्मार्ट पोल और स्मार्ट सिग्नल सिस्टम की सुविधा दी गई है। वाई फाई की सुविधा के साथ यातायात न होने की स्थिति स्ट्रीट लाइट्स की रोशनी अपने आप कम हो जाती है और जैसे ही मूवमेंट होता है रोशनी का ग्राफ बढ़ जाता है। 98 करोड़ की लागत से कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनकर तैयार है।

के। रमेश, नगर आयुक्त, काकीनाड़ा, आंध्र प्रदेश

सेंसर से ट्रैफिक की स्थिति

155 करोड़ की लागत से कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तैयार है। 160 स्थानों पर स्क्रीन और करीब 30 प्वाइंट्स पर सेंसर लगे हुए हैं, जिससे पता लगाया जा सकता है कि रूट पर ट्रैफिक की क्या स्थिति है। 125 स्थानों पर वाइस बॉक्स भी लगाए गए हैं। अभी तक कुल 48 प्रोजेक्ट्स कंप्लीट किए जा चुके हैं। ई कॉरिडोर में फ्री वाई फाई, स्मार्ट बस स्टॉप की सुविधा है। वन सिटी, वन एप, वन कार्ड हमारा उद्देश्य है।

राजेंद्र जगताप, सीईओ, पुणे स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लि।

इलेक्ट्रिसिटी सेविंग पर फोकस

हमारी ओर से मुख्य फोकस इलेक्ट्रिसिटी सेविंग पर किया गया है। इसके लिए हमने एक पहाड़ी पर सोलर प्लांट लगाया है। जिसकी मदद से इलेक्ट्रिसिटी से जुड़ी जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। साथ ही इस कदम से फाइनेंशियल सेंविंग भी हो रही है। 5 करोड़ की लागत से कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की बिल्डिंग बनाई जाएगी, इस बाबत टेंडर किया जा चुका है।

सौरभ जोरवाल, नगर आयुक्त, बिहार शरीफ म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन

सिर्फ कूड़ा उठाना ही पर्याप्त नहीं

सिर्फ कूड़ा उठाने लेने से ही कोई शहर स्मार्ट नहीं बन जाता है। जरूरी है कि कूड़ा कलेक्शन के बाद उसकी प्रोसेसिंग और निस्तारण सही तरह से किया जाए। वहीं मैकेनाइज रोड स्वीपिंग बेहद जरूरी है। हैरिटेज डेवलपमेंट की दिशा में भी कवायद जरूरी है। चंडीगढ़ की तरह अंडरग्राउंड वाटर ड्रेनेज सिस्टम अपनाया जाना चाहिए।

बी पुरुषार्थ, डिवीजनल कमिश्नर, जालंधर

झलकियां

1-अंग्रेजी में भाषण सुन बोले पार्षद, हिंदी भाषा में प्रोग्राम होना चाहिए

2-स्मार्ट सिटी समिट में 80 फीसदी पार्षद नहीं आए

3-विपक्ष के दो पार्षदों ने उपस्थिति दर्ज कराई

प्रोग्राम एक नजर में

.35वीं स्मार्ट सिटी समिट होटल हयात में आयोजित हुई

.मुख्य अतिथि मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, मंत्री जयप्रताप सिंह, कमिश्नर अनिल गर्ग, डीएम कौशलराज शर्मा, मेयर संयुक्ता भाटिया ने स्मार्ट सिटी की तैयारियों पर रखे विचार

3-लखनऊ को स्मार्ट बनाने का रोडमैप सामने आया

4-लखनऊ स्मार्ट सिटी वीडियो की लांचिंग

5-ई-जीओवी मैगजीन के स्पेशल एडीशन का अनावरण

6-उद्घाटन समेत चार सत्रों में बंटी थी समिट