नेत्र परीक्षण में रोडवेज चालकों की आंख मिल रही कमजोर

कई चालक रिटायरमेंट के करीब, फिर भी थामे हैं बसों की स्टेयरिंग

Meerut । रोडवेज बसों का सफर करने वाले यात्रियों के लिए यह खबर कुछ परेशानी भरी हो सकती है कि रोडवेज बस चलाने वाले चालक धुंधली आंखों के साथ बसों की स्टेयरिंग थाम कर आपका सफर पूरा करा रहे हैं। ऐसे में आपका सफर कितना सुरक्षित है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। खासतौर पर तब जब मौसम तेज बारिश या घने कोहरे का हो तो हादसा होने में देर नही लगेगी।

नेत्र परीक्षण में मिली खामियां

दरअसल, सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत गत सप्ताह सोहराबगेट डिपो में रोडवेज बसों के चालकों के नेत्र परीक्षण का शिविर आयोजित किया गया था। इस शिविर में नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने करीब 88 चालकों की नेत्र का परीक्षण किया था। जांच में करीब 42 चालकों की आंख में कई प्रकार के दोष मिले। इसमें 15 चालकों को दूर दृष्टि दोष, 2 चालकों को कलर ब्लाइंडनेस, 23 चालकों को निकट दृष्टि दोष और 2 चालकों की आंख में मोतियाबिंद मिला।

चालकों की बदलेगी डयूटी

परीक्षण के दौरान जिन चालकों की आंख में दोष पाए गए उन्हें चिकित्सकों ने चश्मा लगाकर बस चलाने और ऑपरेशन कराने की सलाह दी, बावजूद इसके अभी तक रोडवेज द्वारा चालकों को ना तो इलाज कराया जा रहा है और नही बस चलाने से रोका गया। हालांकि रोडवेज के अधिकारियो के मुताबिक जिन चालकों की आंख में अधिक कमी पाई गई है उन्हें चालक की ड्यूटी से हटाकर ऑफिस वर्क दिया जाएगा।

फिर भी थामे स्टेयरिंग

स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान कई ऐसे चालकों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया गया जिनकी आयु रिटायरमेंट के नजदीक है ये चालक शारीरिक रुप से कमजोर भी हैं लेकिन बावजूद इसके इनसे बसों के चालक के तौर पर काम लिया जा रहा है। हालांकि चिकित्सकों ने इन चालकों में उम्र संबंधी बीमारियों के लिए जरुरी देखभाल व इलाज की सलाह देकर खानापूर्ति कर दी लेकिन कहीं ना कहीं रोडवेज ऐसे चालकों से बस संचालन का काम लेकर यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रहा है।

हर साल नियमित रूप से चालकों का स्वास्थ्य व नेत्र परीक्षण कराया जाता है। जिन चालकों के नेत्र अत्याधिक कमजोर है उनकी डयूटी कार्यालय में लगाई जाएगी। चालकों के द्वारा कोई हादसा ना हो इसलिए यह चेकअप कराया जाता है।

- आर के यादव, एआरएम सोहराबगेट