-एक नौकरानी के घर पर मिलते थे पीयूष और मनीषा

-नौकरों के लिए सोने का अण्डा देने वाली मुर्गी था पीयूष

-ज्योति के मर्डर का अफसोस नहीं है पीयूष और मनीषा को

-पुलिस कस्टडी रिमाण्ड में हत्यारे अवधेश ने पीयूष को चप्पलों से पीटा था

ज्योति मर्डर केस में हत्यारे पति पीयूष के परिजन अभी तक इस पूरे मामले में कुछ भी न जानने का नाटक कर रहे हों, लेकिन आई नेक्स्ट की तफ्तीश में पता चला है कि बिगड़ैल पीयूष की करतूतों और अय्याशी के बारे में घर के हर सदस्य से लेकर नौकर तक को मालूम था। नौकरों के लिए तो पीयूष सोने का अण्डा देने वाली मुर्गी था।

नौकरानी के घर पर होती थी मीटिंग

एक महिला नौकरानी के घर पर तो पीयूष और मनीषा मिलते थे, जिसके एवज में पीयूष नौकरानी को रुपए देता था। इसी तरह मनीषा के घर के नौकर भी उनके राज के बारे में जानते थे। वे पीयूष को मनीषा के घर में घुसने में मदद करते थे। आई नेक्स्ट की तफ्तीश में सामने आया कि पीयूष बिजनेस में बिल्कुल ध्यान नहीं देता था। वो सुबह देर से सोकर उठता था, जबकि देर रात को घर लौटता था। कई बार तो वो रात में घर भी नहीं आता था। कई बार पीयूष नशे की हालत में घर पहुंचता था, लेकिन घरवाले उसे टोकने के बजाय इसे स्टेटस सिंबल का नाम देते थे। सोर्सेज के मुताबिक शादी से पहले वो कई लड़कियों को दोस्त कहकर घर लाता था और उनके साथ क्लब और रिजार्ट में जाता था। उसके एक साबुन कारोबारी की बेटी से भी फिजिकल रिलेशन थे। इस बारे में भी घरवालों को सारी जानकारी थी।

पीयूष को अवधेश ने चप्पल से पीटा

बिस्कुट कारोबारी के बिगड़ैल बेटे पीयूष की साजिश में साथ देने वाले हत्यारे ही उसके खिलाफ हो गए हैं। ड्राइवर अवधेश तो पुलिस कस्टडी के दौरान ही पीयूष से सामना होने पर उसे चप्पल से पीटने लगा था, जिसे देखकर ऑफिसर्स के होश उड़ गए। उन्होंने आनन फानन में अवधेश को पकड़कर अलग किया, तो वो पीयूष को गाली देते हुए कहने लगा कि तुम्हारे चक्कर में हम लोग फंस गए। तूने ही अपनी पत्नी को हम लोगों से मरवाया है। तू तो रुपयों के दम पर जेल से बाहर आ जाएगा, लेकिन हम लोगों का क्या होगा? जिसके बाद ऑफिसर्स ने दोनों को दूरी में बैठाकर पूछताछ की। हालांकि इस बात से आला ऑफिसर इन्कार कर रहे हैं।

कत्ल का अफसोस नहीं है पीयूष और मनीषा को

बिस्कुट कारोबारी की बहु ज्योति को चाकुओं से गोदने वाले अवधेश समेत चारों हत्यारों को भले ही अब पछतावा हो रहा है, लेकिन हत्यारे पति पीयूष और उसकी माशूका मनीषा को इसका जरा सा भी अफसोस नहीं है। उनको अभी भी विश्वास है कि वो रुपए के दम पर जेल से बाहर आ जाएंगे और सब ठीक हो जाएगा। पुलिस की कस्टडी रिमाण्ड में भी दोनों बिल्कुल भी नर्वस नहीं हुए। उनसे पूछताछ करने वाले ऑफिसर के मुताबिक मनीषा तो पीयूष से ज्यादा कलेजे से मजबूत है। उसको जेल जाने का भी अफसोस नहीं है। पुलिस पूछताछ के दौरान उसके चेहरे के हाव-भाव बिल्कुल नार्मल थे। जैसे कि वो कोई इंटरव्यू दे रही हो। ऑफिसर्स उस पर दबाव बना रहे थे, लेकिन उसको कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। पूछताछ में शामिल एक ऑफिसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उससे सच्चाई उगलवाने में ऑफिसर्स के पसीने छूट गए, लेकिन वो अपने बयान पर कायम रही। उसने कहा कि वो पीयूष से प्यार करती है और करती रहेगी, लेकिन उसको ज्योति के मर्डर के बारे में कुछ नहीं पता था।

जबलपुर में ज्योति के घर पहुंची पुलिस टीम

ज्योति के कत्ल का खुलासा करने के बाद अब पुलिस एक-एक सबूत को जुटा रही है, ताकि हत्यारों को बचने का कोई भी मौका न मिल पाए। इसके लिए पुलिस की एक टीम ने जबलपुर जाकर ज्योति के परिजनों से बयान लिए। साथ ही टीम ने ज्योति की डायरी की हैंड राइटिंग की मिलान करने के लिए वहां से सैम्पल के तौर पर ज्योति की एक और डायरी ली है। साथ ही ज्योति के लॉकर से पुलिस को कुछ सबूत मिले हैं। टीम ने ज्योति की सहेलियों से भी पूछताछ कर बयान दर्ज किया है। वहीं, पुलिस ने ज्योति के परिजनों के कलमबद्ध बयान कराने की तैयारी कर ली है। उम्मीद है कि शुक्रवार को पुलिस जबलपुर कोर्ट में ही ज्योति के परिजनों के बयान दर्ज करा देगी, ताकि कोर्ट में ट्रायल के दौरान मुल्जिम के वकीलों को कोई मौका न मिले।

हरिद्वार में ज्योति की अस्थियां विसर्जित की गई

बिस्कुट कारोबारी ओम प्रकाश ने गुरुवार को हरिद्वार जाकर अपनी बहु ज्योति की अस्थियां गंगा में विसर्जित की। इस दौरान ज्योति का भाई भी वहां मौजूद था, लेकिन उसने किसी से बात नहीं की। पीयूष के पिता ने उससे कई बार बात करने की कोशिश की, लेकिन वो कुछ नहीं बोला। सभी लोग सुबह 9 बजे गंगा तट पर पहुंचे थे। इधर, ज्योति के पिता शंकर लाल नागदेव ने समधी ओम प्रकाश पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने आई नेक्स्ट से बताया कि ओम प्रकाश ने उनसे बेटे पीयूष की पैरवी न करने का वादा किया था, लेकिन वो पीयूष की गिरफ्तारी के तीन दिन बाद से ही उसकी पैरवी में जुए गए हैं। उन्होंने तीन वकीलों को खड़ा कर दिया है। इसलिए वो 9 अगस्त को कानपुर आकर अपना वकील करेंगे।