-पीयूष की रिपोर्ट पर पुलिस ने उठाए पंद्रह सवाल, हैलट से गायब हो गया था हत्यारोपी पीयूष

-रेस्टोरेंट में ज्योति को दी थी जान से मारने की धमकी

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शहर के हाईप्रोफाइल और खौफनाक ज्योति हत्याकांड के हर पहलू का खुलासा आपका अखबार आई नेक्स्ट कर चुका है। अब आई नेक्स्ट आपको इस हत्याकांड की सबसे अहम कड़ी यानि चार्जशीट के बारे में बताने जा रहा है। पुलिस ने किस तरह से कड़ी से कड़ी जोड़कर हत्यारे पति पीयूष, उसकी माशूका मनीषा समेत अन्य को आरोपी बनाया और पुलिस ने कौन-कौन से सबूत जुटाए हैं, जोकि ज्योति को इंसाफ दिलाएंगे। आपका अखबार आपको इस हत्याकांड की उस चार्जशीट के बारे में बताने जा रहा जोकि आई नेक्स्ट के पास है। पुलिस ने चार्जशीट में किसको-किसको गवाह बनाया, इसके अलावा और भी कई एक्सक्लूसिव जानकारियां जिनको आपका अखबार आप तक पहुंचा रहा है। शायद ही आज तक किसी ने चार्जशीट की पूरी सच्चाई बताई हो, लेकिन हम आज ऐसा कर रहे हैं।

पीयूष की रिपोर्ट पर पुलिस के 15 सवाल।

ज्योति हत्याकांड की रिपोर्ट हत्यारोपी पति पीयूष ने झूठी कहानी गढ़कर स्वरूपनगर थाने में लिखाई थी। पुलिस ने चार्जशीट की शुरुआत में इस रिपोर्ट पर 15 सवाल उठाते हुए घटना को संदिग्ध माना है। जिसमें पीयूष के थाने देरी से पहुंचने, कार में टक्कर के बाद भी कोई निशान न मिलने, पीयूष से मारपीट होने के बाद भी कोई चोट का निशान न मिलने, कार को वारदात के बाद तरतीब से पार्क करना आदि शामिल है। इन सवालों के जरिए पुलिस ने पीयूष पर झूठी कहानी गढ़ने और वारदात को छुपाने का आरोप लगाया है।

हैलट से पीयूष का अचानक गायब होना

हत्यारोपी पति पीयूष वारदात के एक घंटे बाद देरी से थाने पहुंचा था। इसके बारे में तो सभी को पता है, लेकिन शायद ही किसी को मालूम होगा कि पीयूष रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद दोबारा गायब हो गया था। एसओ ने उसको होमगार्ड शम्भू सिंह के साथ हैलट मेडिकल के लिए भेजा था, लेकिन वो होमगार्ड को गच्चा देकर हैलट से गायब हो गया था। वो करीब 45 मिनट बाद वापस आया था। इस दौरान वो कहां गया? इस बारे में उसने किसी को नहीं बताया था। यही नहीं हत्यारोपी पीयूष तो मेडिकल भी नहीं कराना चाहता था। इसकी पुष्टि भी पुलिस ने चार्जशीट में करते हुए होमगार्ड को गवाह बनाया है।

ज्योति को दी थी ठिकाने लगाने की धमकी।

पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक हत्यारोपी पीयूष प्लानिंग के तहत वारदात के दिन ज्योति को बाराण्डा होटल ले गया था। वहां पर खाना खाते समय वो ज्योति से झगड़ा करने लगा था। उसने ज्योति को जान से मारने की धमकी देते हुए कहा था कि 'साली आज तुझे ठिकाने लगाना ही पड़ेगा'। इसके बाद वो सेलफोन पर बात करते हुए वहां से चला गया। वो 10 मिनट बाद वापस आया था। इसकी पुष्टि के लिए पुलिस ने बाराण्डा होटल के कर्मचारी संजय खान और मानिक चक्रवर्ती को गवाह बनाते हुए सीसीटीवी कैमरे की फुटेज एकत्र की है।

लास्ट सीन टूगेदर को भी बनाया सबूत

ब्लाइंड मर्डर जैसे केस में सबसे अहम होता है कि मृतक या मृतका आखिरी बार किसके साथ थे। यहीं से हत्याकांड की कड़ी शुरु होती है। इस हत्याकांड में मृतका ज्योति आखिरी बार हत्यारोपी पति पीयूष के साथ ही थी। जिसके सबूत के रूप में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज दाखिल की है।

हत्यारोपी के एक और मोबाइल से खुला राज

ज्योति हत्याकांड के सूत्रधार हत्यारोपी पति पीयूष ने पुलिस को एक मोबाइल (9956353535) यूज करने के बारे में बताया था, जबकि वो दो मोबाइल यूज कर रहा था। पुलिस उसके पहले मोबाइल की कॉल डिटेल से उसकी दो माशूका मनीषा और कामिनी तक पहुंच गई। पुलिस ने कामिनी से पूछताछ की तो हत्यारोपी पीयूष के एक और मोबाइल का पता चला। जिसकी सीडीआर और लोकेशन से पीयूष के राज खुलते गए और वो फंस गया। पुलिस ने चार्जशीट में इसकी पुष्टि करते हुए पीयूष के दूसरे मोबाइल 8090766853 की सीडीआर को भी सबूत बनाया है। पीयूष के दूसरे नम्बर से ही पुलिस को सुपारी किलर ड्राइवर अवधेश, रेनू और सोनू के बारे में पता चला कि पीयूष लगातार उनके टच में था। वे पीयूष को पल-पल की खबर दे रहे थे। पीयूष के दूसरे मोबाइल नम्बर के जरिए ही पुलिस ने अन्य आरोपियों के नम्बर पता कर उनका सीडीआर निकवाया।

पांच मोबाइल नम्बर यूज करती थी पीयूष की माशूका।

पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक हत्यारोपी पीयूष के कामिनी, मनीषा समेत कई लड़कियों से संबंध थे, लेकिन वो मनीषा से शादी करना चाहता था। मनीषा हत्यारोपी पीयूष की पड़ोसन और गुटखा कारोबारी की बेटी है। वो पांच मोबाइल नम्बर (9839955320, 9651886868, 9999953030, 7897139393 और 8090766837) यूज करती थी, जिसमें 8090766837 नम्बर का सिम उसको पीयूष ने फर्जी आईडी पर दिया था। पीयूष ने ये सिम सिर्फ वारदात को अन्जाम देने के लिए लिया था, ताकि वो वारदात को अन्जाम देने तक माशूका के टच में रहे। मनीषा इस नम्बर से सिर्फ हत्यारोपी पीयूष से ही बात करती थी। इसकी कॉल डेटा रिकार्डिग (सीडीआर) पुलिस ने सबूत के रूप में एकत्र की है।

मोबाइल कॉल से खुला मनीषा का गुनाह

हत्यारोपी पीयूष का दूसरा मोबाइल वारदात के दिन सुबह 10.11 बजे से रात 21.56 बजे तक चालू था। उसने शाम को 7.49 बजे अवधेश से बात की थी। जिसके तुरन्त बाद उसने 7.50 बजे माशूका मनीषा से 1236 सेकेंड बात की। इसी तरह हत्यारोपी पीयूष ने 9.05 बजे अवधेश से बात की और इसके बाद 9.09 पर मनीषा से बात की। हत्यारोपी पीयूष ने वारदात से ठीक पहले रात को 9.55 पर अवधेश से 16 सेकेंड बात की और फिर उसने 9.56 बजे मनीषा से 776 सेकेंड बात की। ये उसकी मनीषा को आखिरी कॉल थी। पीयूष इस नंबर के सिम को ब्लैकबेरी मोबाइल में यूज करता था। जिसे पुलिस ने हत्यारोपी पीयूष के पास से बरामद किया है।

इन नम्बरों के सहारे पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ी।

मोबाइल नम्बर आईडी यूजर

9956353535 रामजसलानी प्लाट नं। 1130 एमआईजी रतनलाल नगर पीयूष श्यामदसानी

8090766853 शंकर 65भ्/8 खेड़ा तहसील बांदा पीयूष श्यामदसानी

80907म्म्8फ्7 शंकर म्भ्/8 खेड़ा तहसील बांदा मनीषा मखीजा

8क्ख्798म्फ्ब्ख् अनिल ब्फ्/9क् नारियल बाजार कानपुर अवधेश चतुर्वेदी

8म्87भ्807फ्0 सर्वेश क्ख्ब्क् आवास विकास कल्याणपुर सोनू कश्यप

88भ्फ्90ख्9फ्8 मुन्नी देवी क्क्7फ् पाण्डुनगर काकादेव सोनू कश्यप

8090म्क्भ्770 आशीष क्क्7एच ख्09 पाण्डुनगर, कानपुर आशीष कश्यप

778ब्987भ्98 सोनू शाक्य हितकारी नगर, कानपुर रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया

8म्87क्ब्भ्क्0ब् अखिलेश कुमार निवासी रामचरन की मडैया, पाण्डुनगर रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया

मोबाइल लोकेशन को भी बनाया आधार

पुलिस ने सभी आरोपियों के मोबाइल नम्बर की सीडीआर और लोकेशन की बारीकी से पड़ताल की है। जिसमें पता चला कि हत्यारोपी पति पीयूष ने वारदात के दिन अवधेश के मोबाइल पर रात को 9.0भ् बजे कॉल की थी। इसी के बाद पीयूष पत्नी ज्योति को लेकर घर से निकला था। रेनू ने आशीष के मोबाइल पर रात को क्0.क्फ् बजे कॉल की थी। उस समय आरोपियों की लोकेशन वीआईपी रोड पर थी। सोनू ने आशीष के मोबाइल पर ख्ख्.फ्7 बजे कॉल की थी। उस समय सोनू की लोकेशन कम्पनी बाग से रावतपुर रोड पर थी। इसी तरह आरोपियों की लोकेशन बाराण्डा रेस्टोरेंट से कम्पनी बाग और वहां से रावतपुर रोड पर अंधे मोड़ पर थी। सोनू ने रात में क्क्.भ्ब् और क्क्.भ्8 बजे अपने मोबाइल से कॉल की। उस समय उनकी लोकेशन काकादेव होते हुए ई-ब्लाक पनकी में थी। पुलिस ने इन्हीं लोकेशन और कॉल के आधार पर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

ये सबूत दिलाएंगे ज्योति के हत्यारों को सजा

--कार होण्डा एकार्ड में आगे की बाई सीट के पास से कॉटन से मिला ब्लड सैम्पल

-ड्राइवर के पीछे की सीट से कॉटन से मिला ब्लड सैम्पल

-एक सफेद रूमाल खून से सना मिला

-कार की पिछली सीट पर मिले हेयर सैम्पल,

-ड्राइवर के पीछे की सीट पर मिले बैग से बरामद तीन चाकू, लम्बाई ख्8, ख्8 और फ्ख् सेंटी मीटर

-खून से सनी लेडीज सैंडिल

-एक एफपीटी कार्ड पर पांच फिंगर प्रिंट

-वाराण्डा रेस्टोरेंट की सीसीटीवी फुटेज

-मॉल की सीसीटीवी फुटेज

-बरामद आलाकत्ल (चाकू)

-मृतका ज्योति की तीन अंगूठी, दो कान की बाली

-होण्डा एकार्ड की चाभी

--मनीषा का ब्लैक बैरी मोबाइल, पीयूष से हुआ था बरामद

-हत्यारोपी रेनू, सोनू द्वारा खून से सने हाथ को पोछने वाले सफेद चेकदार रुमाल

-हत्यारोपी पीयूष की वारदात के समय पहनी गई टी-शर्ट

-पोस्टमार्टम से मिले मृतका के खून से सने कपड़े, नाखून में फंसा बाल आदि

-वारदात में यूज की गई बाइक यूपी 78 बीआई ब्भ्88

-सोनू और रेनू से बरामद खून से सने कपड़े

अभियुक्त अवधेश का सेमसंग मोबाइल, रेनू का सेमसंग मोबाइल, आशीष का माइक्रोमैक्स एक मोबाइल

-ज्योति की डायरी

-होण्डा एकार्ड की घटना स्थल पर ली गई फोटोग्राफ

-मृतका की फोटोग्राफ

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ज्योति हत्याकांड ऐसा जघन्य अपराध है जिस पर की पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। ऐसे में पुलिस ने पूरी एहतियात के साथ एक-एक सबूत जुटाए हैं। मैं खुद इस केस की पल-पल की मॉनिटरिंग कर रहा हूं। इस केस में जिसने भी लापरवाही की है उसको बख्शा नहीं गया है फिर वो कितना ही बड़ा अधिकारी क्यों न हो? आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं।

आशुतोष पांडेय, आईजी, कानपुर जोन