-पुलिस के राडार में माननीय समेत पीयूष और मनीषा के रिश्तेदार, धारा 39 का पड़ेगा फंदा

-हत्यारोपी मनीषा की लोवर कोर्ट से बेल खारिज, आज दाखिल हो सकती है सेशन में अर्जी

-कड़ी सुरक्षा में स्पेशल सीजेएम की कोर्ट में हुई, एक नवंबर को अगली तारीख

KANPUR : शहर के हाईप्रोफाइल और खौफनाक ज्योति हत्याकांड में हत्यारोपी पति पीयूष के माता, पिता और भाई भी फंस चुके हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि पुलिस ने पड़ताल बन्द कर दी है या ज्योति के गुनाहगारों की लिस्ट खत्म हो गई है। पुलिस अभी भी तफ्तीश कर रही है। उसके शक के घेरे में और भी लोग हैं। जिसमें हत्यारोपी पीयूष और उसकी प्रेमिका मनीषा के घरवाले, दोस्त, रिश्तेदार और पैरोकार हैं। पुलिस के राडार में एक माननीय समेत तीन नेता भी हैं। अब देखना ये है कि इसके खिलाफ पुलिस कब और क्या कार्रवाई करती है।

अभी और आरोपी खोज रही पुलिस।

पुलिस ने ज्योति के हत्यारोपी पति पीयूष के माता, पिता और भाइयों को गुनाह छुपाने का आरोपी बनाया है। अब पुलिस उन आरोपियों का पता लगा रही है, जिन्होंने पीयूष के जुर्म का पता होने के बाद भी पुलिस को सूचना नहीं दी। पुलिस उनके खिलाफ धारा फ्9 के तहत कार्रवाई करेगी। इसमें वो लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनको पीयूष या उसके परिजनों ने उसके जुर्म के बारे में बताया होगा। मसलन अगर हत्यारोपी पीयूष या मनीषा ने किसी दोस्त या रिश्तेदार को जुर्म के बारे में बताया था और उन्होंने भी दूसरे दोस्त को हत्याकांड के बारे में बताया था, तो ऐसी स्थिति में पुलिस पीयूष और मनीषा के दोस्तों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी। पुलिस की लिस्ट में माननीय समेत तीन नेता भी हैं, जो पीयूष के गुनाह के जानकारी होने के बाद भी उनको छुड़ाने की पैरोकारी कर रहे थे। पुलिस उनके खिलाफ सबूत ढूढ़ रही है। अगर उनके खिलाफ सबूत या गवाह मिल गया तो पुलिस उन पर भी कार्रवाई कर सकती है।

क्या है धारा फ्9

सीनियर एडवोकेट कौशल किशोर शर्मा के मुताबिक अपराध की जानकारी होने के बाद भी पुलिस को सूचना न देना भी जुर्म है। ऐसे आरोपी के खिलाफ धारा फ्9 के तहत कार्रवाई की जाती है। ज्योति हत्याकांड में पुलिस को अगर किसी के खिलाफ ये सबूत या गवाह मिलता है कि उसने वारदात की जानकारी होने के बाद भी पुलिस को सूचना नहीं दी, तो उसके खिलाफ पुलिस इस धारा में कार्रवाई कर सकती है।

कड़ी सुरक्षा में हुई पेशी, क् नवंबर की तारीख लगी

ज्योति हत्याकांड में पुलिस के चार्जशीट दाखिल करने के अगले दिन मंगलवार को कड़ी सुरक्षा में हत्यारोपी पति पीयूष, उसकी माशूका मनीषा, ड्राइवर अवधेश, रेनू, सोनू और आशीष को कोर्ट में पेश किया गया। सीएमएम के स्पेशल ड्यूटी पर होने पर सभी आरोपियों को स्पेशल सीजेएम की कोर्ट में पेश किया गया, तो कोर्ट ने एक नवंबर की तारीख लगा दी। अब उसी दिन आरोपियों को चार्जशीट की नकल रिसीव होगी। कोर्ट ने उसी दिन पेशी के लिए हत्यारोपी पति पीयूष के पिता, मां और भाइयों को सम्मन भेजा है।

जेल में रहेगी मनीषा

स्पेशल सीजेएम कोर्ट में हत्यारोपी मनीषा की पेशी के दौरान एडवोकेट कमलेश पाठक ने उसकी बेल अर्जी भी दाखिल की। उन्होंने मनीषा को निर्दोष बताते हुए उसको बेल देने की अपील कोर्ट से की, लेकिन कोर्ट ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया। अब वे सेशन र्को में बेल अर्जी दाखिल करेंगे।

बहन के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका अवधेश

ज्योति हत्याकांड में हत्यारोपी ड्राइवर अवधेश की बहन ने सोमवार को फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। जिसके बारे में अवधेश को सुबह जानकारी हुई, तो वो बैरक में फूट-फूटकर रोने लगा। उसने बहन के अन्तिम संस्कार में शामिल होने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करने का अनुरोध जेल प्रशासन से किया, लेकिन उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। वो कोर्ट में पेश हुआ तो उसके वकील संजीव कुमार तिवारी और रत्नेश मिश्रा ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के बाद अर्जी को खारिज कर दिया। जिससे वो बहन के अन्तिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका।

पीयूष रोया, मनीषा छुपाती रही चेहरा

ज्योति हत्याकांड के हत्यारोपी पति पीयूष, उसकी माशूका मनीषा समेत अन्य आरोपियों की मंगलवार को पेशी का पता चलते ही मीडिया कर्मी जेल के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने आरोपियों को जैसे ही जेल के बाहर निकाला, तो कैमरों के फ्लैश चमकने लगे। जिसे देख हत्यारोपी पति एक जगह खड़ा हो गया। उसके चेहरे में माता, पिता और भाइयों के फंसने का दर्द साफ झलक रहा था। आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने उससे बात करने की कोशिश की तो वो फूट-फूटकर रोने लगा और जीप में बैठ गया। वहीं मनीषा मुंह छुपाते हुए सीधे जीप में जाकर बैठ गई। उसके पैर की चोट ठीक हो गई। वो तेजी से चल रही थी। उसके हाथ में मेहंदी लगी थी। कोर्ट के बाहर मनीषा निकली, तो वहां पर उसके रिश्तेदार मौजूद थे। उन्होंने मनीषा से बात भी की। उन्हें देख मनीषा की आंख में भर आई। वो उनसे कुछ कह पाती कि इससे पहले पुलिस उसको जीप में बैठाकर जेल ले गई।