KANPUR : कचहरी में वकीलों की पिटाई से घबराया पीयूष जेल पहुंचते ही फफक-फफक कर रोने लगा था। वो जेलर के सामने रोते हुए अपना गुनाह भी कबूल कर रहा था। वो कह रहा था कि सर, मुझसे गलती हो गई। जिसे सुनने के बाद जेलर ने उसकी काउंसलिंग और सांत्वना दी। जिसके बाद उसे बैरक में भेज दिया। जहां पर जाते ही वो पहले जैसा हो गया। वो दूसरे बंदियों के साथ लूडो खेलने लगा। वो बंदियों से हंसी-मजाक भी कर रहा था। तभी जेलर बैरक में राउंड करने पहुंचे, तो वो उन्हें देखकर अलग बैठ गया और रोने लगा। जिसे देखकर जेलर ने दोबारा उसको सांत्वना दी।

घबराओं नहीं, सब ठीक हो जाएगा

पुलिस ने ज्योति मर्डर में गुरुवार को अवधेश, सोनू, रेनू और आशीष को जेल भेज दिया। वहां पर मुलाहिजा बैरक में उनका पीयूष से सामना हुआ, तो उनमें गाली-गलौज की नौबत आ गई। जिसे देख पीयूष फिर गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए सारे आरोपियों से बात करने लगा। उसने आरोपियों से कहा कि तुम लोग घबराओं नहीं, कुछ दिनों की बात है। सब ठीक हो जाएगा। मेरे पापा सबको छुड़ा लेंगे।

सुबह फिर करने लगा नाटक

कोर्ट से पीयूष का कस्टडी रिमाण्ड का आदेश मिलने पर स्वरूपनगर पुलिस शुक्रवार की सुबह जेल पहुंची, तो पीयूष फिर से नाटक करने लगा। उसने तबियत खराब होने का बहना बनाया, लेकिन जब उसकी दाल नहीं गली, तो वो फिर से दहाड़े मारकर रोने लगा। नबंरदार किसी तरह उसको बैरक से जेलर के रूम पर ले गए। जहां वो पुलिस को देख चुप हो गया।