-मिट्टी पर दम दिखाने वाले खिलाडि़यों को मिलेगा मैट पर कबड्डी खेलने का मौका

-रीजनल स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में बनाया जाएगा कबड्डी कॉम्प्लेक्स

-मैट पर फेल हो जाते थे मिट्टी के खिलाड़ी

GORAKHPUR: गोरखपुर में खेल और खिलाडि़यों के अच्छे दिनों की शुरुआत हो चुकी है। एक तरफ जहां उन्हें सरकार की ओर से सौगातों के मिलने का सिलसिला जारी है, वहीं दूसरी ओर सुविधाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। रीजनल स्टेडियम में मल्टी परपज जिम मिलने के साथ ही बुनियादी सुविधाओं को तो दुरुस्त कराया ही जाएगा। वहीं, अब गोरखपुर में ही प्रो-कबड्डी की नई पौध को भी सींचा जाएगा। इसका खाका तैयार हो चुका है। जिम्मेदारों को इसके लिए बजट भी मिल चुका है। जल्द रीजनल स्टेडियम में खिलाडि़यों को मिट्टी के बजाए मैट पर प्रैक्टिस करने का मौका मिलेगा, वहीं उन्हें नेशनल और इंटरनेशनल कबड्डी टूर्नामेंट में लगाए जाने वाले दांव-पेचों के बारे में भी जानकारी ि1मल जाएगी।

सवा करोड़ से बनेगा हॉल

गोरखपुर में देसी दंगल को इंटरनेशनल लेवल पर ले जाने की पहल के बाद अब जिम्मेदार एक और मिट्टी के खेल कबड्डी का स्टैंडर्ड बढ़ाने की कोशिशों में लग गए हैं। इसके लिए गोरखपुर में कबड्डी कॉम्प्लेक्स तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है, जिसका निर्माण नवंबर में स्टार्ट हो जाएगा। इसके लिए शासन से करीब सवा करोड़ रुपए का बजट भी मिल चुका है। बस टेंडर कराने और बाकी फॉर्मेल्टी पूरी करने के बाद खिलाडि़यों को इंटरनेशनल लेवल की सुविधाएं गोरखपुर में ही मिलने लगेंगी।

टूट जाते हैं खिलाड़ी

कबड्डी की फील्ड में देसी मिट्टी पर खिलाड़ी जोर-शोर से अपना दम-खम दिखाते हैं। स्टेट लेवल तक तो वह किसी तरह खुद को प्रूफ करने हैं, लेकिन जब नेशनल लेवल पर तैयारी की बात आती है तो सारी तैयारियां फेल नजर आती हैं। मिट्टी पर दम दिखाने वाले यह खिलाड़ी मैट के फेर और टेक्निकल पेंच में ऐसा उलझते हैं कि उनकी परफॉर्मेस का ग्राफ धड़ाम से नीचे आ गिरता है। ऐसी कंडीशन में खिलाडि़यों का मनोबल काफी टूट जाता है। मगर स्टेडियम में यह सुविधा मिलने के बाद ऐसा नहीं होगा और खिलाडि़यों को नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर गेम्स की बारीकियां सीखने को मिलेंगी।

वर्जन

रीजनल स्टेडियम में कबड्डी कॉम्प्लेक्स बनाया जाना है, इसके लिए शासन ने बजट स्वीकृत कर खेल विभाग को अलॉट कर दिया है। गोरखपुर को पैसा मिलते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

- अरुणेंद्र पांडेय, आरएसओ