- कबीर पारख संस्थान के तीन दिवसीय 40वें वार्षिक अधिवेशन का हुआ शुभारंभ

ALLAHABAD: कबीर पारख संस्थान की ओर से तीन दिवसीय 40वें वार्षिक अधिवेशन का शुभारंभ मंगलवार को कबीर नगर स्थित कबीर आश्रम में हुआ। अधिवेशन का श्रीगणेश कबीर की मूल रचना बीजक पाठ से हुआ। संत गुरुरमन ने सत्संग करते हुए कुछ काम करने के होते है और कुछ काम जानने के होते है उसका महत्व बताया। उन्होंने कहा कि जानना एक बार होता है और करना जिंदगी भर होता है। इसलिए सही तरीके से जानकर सही तरीके से जीवन जीना चाहिए।

भाई गुरुशरण ने कबीर के प्रसिद्ध भजन रहना है होशियार नगर में एक दिन चोरवा आवेगा को गाकर ऐसा समां बांधा कि पूरी सभा मंत्रमुग्ध हो उठी। कबीर आश्रम गुजरात से आए संत ज्ञान साहब ने कहा कि साहेब जी कबीर पंथ ही नहीं बल्कि पूरे अध्यात्म जगत के महान मसीहा है। उन्होंने अपनी कथनी करनी और रहनी से अध्यात्म का एक नया पैमाना तैयार किया।

अधिवेशन में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, उप्र, बिहार व मध्य प्रदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।