हालांकि अफ़गान सेना के जवान, नैटो के सुरक्षाबलों और एक बंदूकधारी हमलावर के बीच गोलीबारी अब भी जारी है। इलाके में मौजूद बीबीसी संवाददाता के मुताबिक जिस निर्माणाधीन इमारत में हमलावर जमा हैं उससे अब भी गोलीबारी की आवाज़ सुनाई दे रही है।

अफ़गानिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक इस लड़ाई में कम से कम चार पुलिसवालों, दो आम नागरिकों और छह हमलावरों की मौत हो गई है। इससे पहले पुलिस प्रमुख जनरल अयूब ने बीबीसी से कहा, ''ये हमला हक्कानी नेटवर्क का काम है.'' हक्कानी नेटवर्क तालिबान से जुड़ा हुआ है लेकिन स्वतंत्र रुप से काम करता है।

संवाददाताओं का भी कहना है कि ये हमला जिस तरह से हुआ है उससे इस पर हक्कानी नेटवर्क की छाप स्पष्ट दिखती है। जनरल अयूब का कहना था कि चरमपंथी 11 सितंबर के कारण हमले कर रहे हैं। हमले के कुछ घंटों के बाद अभी भी कई चरमपंथी इलाक़े में छुपे हुए हैं गोलाबारी हो रही है।

तालिबान ने ली ज़िम्मेदारी

तालिबान ने हमलों की ज़िम्मेदारी ली है और कहा है कि वो इलाक़े में सरकारी इमारतों को निशाना बना रहे हैं। इससे पहले 19 अगस्त को काबुल में ब्रिटिश काउंसिल पर भी हमला हुआ था जिसमें 12 लोग मारे गए थे। तालिबान ने ही इस हमले की भी ज़िम्मेदारी लेते हुए कहा था कि 1919 में ब्रिटेन से अफ़गानिस्तान को मिली आज़ादी की याद में हमला किया गया था।

तालिबान प्रवक्ता ने मंगलवार को हुए हमलों के बारे में कहा, ‘‘हमने आज सुबह काबुल के अब्दुल हक चौक पर हमला किया है जो कि एक आत्मघाती हमला है। इसमें स्थानीय और विदेशी खुफिया ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है.’’

नैटो के महासचिव एंडर्स फोग रैसमुसन ने हमले की निंदा करते हुए कहा है कि ये अफ़गानिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था के स्थानांतरण की परीक्षा है।

उनका कहना था, ‘‘ हमें विश्वास है कि अफ़गानिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत है और वो स्थिति से निपट लेगी। सुरक्षा को अफगानी हाथों में सौपने की प्रक्रिया जारी है और जारी रहेगी.’’

बीबीसी संवाददाता के अनुसार मंगलवार को हुआ यह हमला काफी जटिल है क्योंकि इसमें कम से कम पाँच आत्मघाती हमलावरों के शामिल होने की बात सामने आई है।

अमरीकी दूतावास ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा है कि हमला दूतावास के पास में ही हुआ है लेकिन इसमें दूतावास का कोई व्यक्ति घायल या हताहत नहीं हुआ है। अमरीकी मरीन सैनिकों को दूतावास की छतों पर स्थिति का जायज़ा लेते हुए देखा गया है।

इलाक़े में अमरीका और कई अन्य देशों के दूतावास हैं। इसके अलावा नैटो मुख्यालय और कई अन्य सरकारी इमारतें भी इसी इलाक़े में है। अमरीकी दूतावास को घेर कर रखने वाली पुलिस का कहना है कि हमला दूतावास से थोड़ी दूर एक चौराहे पर हुआ है।

काबुल की अपराध जांच शाखा के प्रमुख मोहम्मद ज़ाहिर ने रायटर्स से कहा, ‘‘एक ज़बर्दस्त धमाका हुआ और गोलाबारी भी हुई। कई हथियारबंद लोग अब्दुल हक चौराहे पर हैं। ’’

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