हाथों में ईंट-पत्थर, मुंह से गालियां

हाथों में ईंट-पत्थर तो मुंह से गालियों की बौछार करतीं आमने-सामने खड़ी होकर एक दूसरे को ललकारती दो गांवों की महिलाएं. कुछ इसी तरह परंपरा के निर्वाह के साथ सुरियावां क्षेत्र के भोरी-महजूदा गांव में आयोजित होने वाला कजरी मेला शुक्रवार को धूमधाम के साथ संपन्न हुआ. मेले का लुत्फ उठाने भोरी-महजूदा गांव के साथ आसपास के अन्य गांवों की हजारों महिलाओं का जमावड़ा लगा रहा. गाली-गलौज और जूतम पैजार से दूर दराज की महिलाएं एक बारगी सहम सी गईं.

पुरुषों का प्रवेश वर्जित

मेले में सदा की तरह पुरुषों का प्रवेश पूर्णत: वर्जित रहा लेकिन दोनों गांव की कुंवारी व विवाहिताएं मौजूद रहीं. सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवान तैनात रहे. किवदंती के अनुसार तिलक लेकर आए नाई के कजरी न गाने पर महिलाओं ने उसे इतना गुदगुदाकर हंसाया कि प्राण उड़ गए. उसी को लेकर इसका आयोजन होता है.

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