छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: बांग्ला श्रावण की पहली सोमवारी को दोमुहानी से कपाली शिव मंदिर तक कलश यात्रा निकाली गई। इसमें सौ से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए। कलश यात्रा सुबह साढ़े सात बजे कपाली से निकली। श्रद्धालुओं ने दोमुहानी नदी तट पर कलश भरा और वापस ढोल नगाड़ों की गूंज के बीच बोल बम के नारे लगाते वापस लौटे।

कलश यात्रा दोपहर 12 बजे कपाली शिव मंदिर पहुंची। यहां शिव लिंग पर जलाभिषेक किया गया। आयोजन जागरूक विकास समिति के बैनर तले किया गया। समिति ने कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को टी शर्ट व महिलाओं को साडि़यां मुफ्त में दी। शिव लिंग पर जलाभिषेक के दौरान सभी श्रद्धालुओं को पूजन सामग्री का भी वितरण समिति के द्वारा किया गया। पूजा के पश्चात गुड़, चना व हलुआ का वितरण श्रद्धालुओं के बीच किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में विधायक साधुचरण महतो, जिला परिषद मधुसुदन गोराई, महेश कर्मकार, नगर परिषद अध्यक्ष शोभारानी महतो उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में खगेन महतो, वृंदावन कुंभकार, खुदीराम महतो, विद्याधर, विनोद महतो, दीपक कुंभकार, जगन्नाथ उरांव, कालु माझी, प्रकाश महतो, तिलक महतो, बसंत, रंजीत, संतोष राजू सहित अन्य समिति के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।

मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

बांग्ला पंचांग के अनुसार पवित्र श्रावण माह की पहली सोमवारी पर शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सोमवार को कई शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ को जल अर्पण करने वाले कांवरियों व श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। बांग्ला पंचांग को मानने वाले लोग संक्रांति के अनुसार ही श्रावण मास मानते हैं। बंगाल से सटा रहने के कारण इस क्षेत्र के अधिकांश लोग बांग्ला मत के अनुसार ही श्रावण मानते हैं और सभी प्रकार के पूजा-पाठ करते हैं। संक्रांति के अनुसार 17 जुलाई से श्रावण माह शुरु हुआ है जिसका समापन 17 अगस्त को होगा। इसी दिन शिव पुत्री मां मनसा देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। श्रावण के दौरान स्थानीय शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। जमशेदपुर और आसपास के शिव मंदिरों में माह भर मेला जैसा नजारा रहता है। पुराना कोर्ट स्थित कचहरी बाबा शिव मंदिर, हाथी घोड़ा मंदिर, कदमा स्थित रंकिणी मंदिर, साकची बाजार स्थित शिव मंदिर समेत चांडिल, पटमदा, बलरामपुर, घाटशिला, चाकुलिया, जादूगोड़ा, पोटका आदि स्थानों में स्थित शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।