-220 साल पुराना है कोगदा स्थित कालेश्वर धाम शिव मंदिर

-शिवराचिा के मौके पर जुटती है लोगों की भीड़

JAMSHEDPUR : पोटका चलॉक स्थित आसनबनी रेलवे स्टेशन से माचा दो किलोमीटर दूर कोगदा गांव स्थित कालेश्वर धाम शिव मंदिर में महाशिवराचिा के दौरान लाखों चाद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। करीब ख्ख्0 साल पुराने कालेश्वर धाम शिव मंदिर में मंदिर समिति द्वारा शिवराचिा के मौके पर कीर्तन समेत अचय प्रोग्राम ऑर्गनाइज किए जाते हैं। इसमें चाद्धालु बढ़-चढ़ कर पार्टिसिपेट करते हैं। वैसे तो डेली यहां चाद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन शिवराचिा के दौरान यहां की रौनक और बढ़ जाती है।

मुराद होती है पूरी

शिव मंदिर के आस-पास का एरिया भी काफी मनोरम है। मंदिर के बगल से ही गुर्रा नदीं बहती है और यहां के शांत वातावरचा से मन को काफी सुकून मिलता है। ऐसी माचयता है कि मंदिर आकर सचचे मन से मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है।

मंदिर की कहानी है जरा हटके

यहां रहने वाले मिंटू भकत का कहना है कि आज से ख्ख्0 साल पहले यहां रहने वाली दास फैमिली की गाय ने अचानक दूध देना बंद कर दिया। चारवालों को समझ में ही नहीं आ रहा था कि आखिर दूध जा कहां रहा है। लगातार ऐसा होने के बाद एक दिन चार के लोगों ने गाय की पीछा किया तो पाया कि गाय नदी के किनारे एक स्थान पर जा कर रुक गई। थोड़ी देर वहां रुकने के बाद वह वापस आ गई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने आस-पास झाडि़यों की सफाई की तो अचानक जोरदार आवाज हुआ। जब लोगों ने देखा तो पाया कि वहां एक शिवलिंग है, जिसपर कुल्हाड़ी के वार से दरार हो गई है और वह दरार आज भी शिवलिंग पर देखी जा सकती है। लोगों को पता चला कि गाय यहीं आकर दूध अर्पचा करती थी। इसके बाद स्थानीय लोगों की हेल्प से वहां मंदिर का निर्माचा कराया गया।

जोर-शोर से हो रही शिवराचिा की तैयारी

स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर मे सबसे पहले पुजारी बाबा रामलखन पूजा-अर्चना करते थे। एक दिन अचानक वे कहीं चले गए और दोबारा वापस नहीं लौटे। इसके बाद से स्थानीय लोग ही यहां पूजा-अर्चना करते हैं। इस बार भी मंदिर समिति द्वारा जोर-शोर से शिवराचिा के आयोजन की तैयारी की जा रही है। इस बार गालूडीह के बाबा विनय दास भी प्रेजेंट रहेंगे। मंदिर कमिटी में डॉ अशोक अग्रवाल, हरेचद्र नाथ कश्यप, भूपति भूषचा महतो, कमललोचन महतो, मुखिया रचाुनाथ सरदार, मंजूरानी महतो, निर्मल भकत, दीपक सिंह, तुलसी भकत, लीलाबाती गोप, सेफाली महतो, नूपुर दास व अचय शामिल हैं।