- व्हीलर्स क्लब और मेस में शराब के मामले पर औघड़नाथ मंदिर को अवैध बता डाला

- कहा, औघड़नाथ मंदिर को भेजा सकता है पीपी एक्ट का नोटिस

- 210 के निवासियों ने दिया धरना प्रदर्शन

- जीओसी की गाड़ी को रोका, कैंट कर्मचारियों से हाथा-पाई

<- व्हीलर्स क्लब और मेस में शराब के मामले पर औघड़नाथ मंदिर को अवैध बता डाला

- कहा, औघड़नाथ मंदिर को भेजा सकता है पीपी एक्ट का नोटिस

- ख्क्0 के निवासियों ने दिया धरना प्रदर्शन

- जीओसी की गाड़ी को रोका, कैंट कर्मचारियों से हाथा-पाई

Meerut meerut@inext.co.in

Meerut : अपने आखिरी बोर्ड बैठक में कैंट बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल वीके यादव जनरल बोर्ड मीटिंग में एक ऐसी बात बोल गए जिससे कैंट ही नहीं पूरी सिटी के लोगों की संवेदनाओं और श्रद्धा को आहत कर सकता है। उन्होंने व्हीलर्स क्लब और मंदिर के पास की आर्मी मेस और कैंटीन में शराब रखने की बात पर औघड़नाथ मंदिर को अवैध कह डाला। देश में क्8भ्7 की क्रांति के प्रतीक इस मंदिर को अवैध कहने से पहले मेजर जनरल ने इस बारे में नहीं सोचा कि पब्लिक में कितना गुस्सा भड़क सकता है। जबकि बोर्ड मीटिंग से पहले ख्क्0 बी में रहने वालों का उन्हें विरोध प्रदर्शन झेलना पड़ा था। जिसपर उन्होंने पब्लिक को ह्यूमन ग्राउंड के तहत उनके साथ रहने का भरोसा दिलाया था।

औघड़नाथ मंदिर को कहा अवैध

क्या औघड़नाथ मंदिर परिसर को अवैध कहा जा सकता है? मेजर जनरल वीके यादव ने मंदिर को अवैध रखने का ग्राउंड ये दिया कि वो ए-क् लैंड पर है। जिस पर पीपी एक्ट का नोटिस दिया जा सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर औघड़नाथ मंदिर को मेस और कैंटीन से जोड़ा जाएगा तो भविष्य में मंदिर पर पीपी एक्ट का नोटिस देने के साथ केस भी चलाया जा सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि मंदिर में अभी अवैध निर्माण चल रहा है। जो इललीगल है। उसकी कोई परमीशन नहीं ली गई है। आखिर क्यों ख्क्0 बी की तरह औघड़नाथ मंदिर को भी अवैध कहा जा रहा है? क्या इन दोनों का कंपैरीजन सही है?

हैरीटेज साइट है

ताज्जुब की बात तो ये है कि कैंट बोर्ड ने औघड़नाथ मंदिर को अपनी कॉफी टेबल बुक के तहत रक्षा मंत्रालय को हैरीटेज साइट के तौर पर भेजा है। इस मंदिर में हर दिन हजारों लोग आते हैं। इस मंदिर के प्रति लोगों की इतनी श्रद्धा है कि दिल्ली और आसपास के जिलों लोगों के अलावा विदेशी टूरिस्ट भी क्8भ्7 के इस प्रतीक को देखने के लिए आते हैं। ऐसे में इस मंदिर को अवैध क्यों कहा जा रहा है ये बात कहां तक उचित है।

किसी के नहीं उठे विरोध में सुर

ताज्जुब की बात तो ये है कि जब पीसीबी ने इस बात को कहा तो किसी मेंबर के विरोध के सुर नहीं उठे। यहां तक व्हीलर्स का मामला उठाने वाले वार्ड-भ् के मेंबर दिनेश गोयल ने चुप्पी साध ली और मंदिर के पास मेस और कैंटीन में शराब के मुद्दे उठाने वाले जगमोहन शाकाल ने भी सिर्फ इतना कहा कि वो सिर्फ नियमों की बात कर रहे थे, लेकिन किसी ने उनकी इस बात का विरोध नहीं किया कि इस तरह की बात करने से पब्लिक में आक्रोश भड़क सकता है।

ख्क्0 बी के लोगों का विरोध

बंगला नंबर ख्क्0 बी में रहने वाले लोगों ने दोपहर क्ख् बजे कैंट बोर्ड के दोनों गेटों पर जमा हो गए। उन्होंने कैंट बोर्ड के कार्रवाई के विरोध में नारे लगाने शुरू कर दिए। उन्होंने पूरे करियप्पा रोड को जाम कर दिया। इस विरोध प्रदर्शन को ख्क्0 बी के अलावा सिटी और कैंट के अन्य इलाकों में रहने वाले लोगों ने हिस्सा लिया। लोगों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने बोर्ड के दोनों दरवाजों को बंद करा दिया। जबकि लोगों ने सिर्फ इतना कहना था कि हम अपना ज्ञापन और बात बहुत शांतिपूर्वक करना चाहते हैं।

सभी की गाडि़यों को रोका

बोर्ड में आने वाले अधिकारियों की गाडि़यों को लोगों ने रोकने का प्रयास किया। लोगों ने जीई साउथ, एडम कमाडेंट की गाडि़यों को रोना चाहा, लेकिन दूसरे रास्ते से अंदर आ गए। एडीएम सिटी की गाड़ी को रोकने का प्रयास किया तो उनकी भी गाड़ी बोर्ड से आगे की ओर बढ़ गई, जिनके द्वारा पुलिस को फोन करने पर फोर्स आ गई। लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था। उनकी सिर्फ एक ही मांग थी कि हमारी बातों को सुना जो कोई भी अधिकारी मानने को तैयार नहीं था।

जब रोक ली जीओसी की गाड़ी

कैंट बोर्ड के जीओसी आज स्पेशल अरेंजमेंट के साथ आए थे। इसके बाद भी लोगों ने जीओसी की गाड़ी को अंदर नहीं जाने दिया। इस बीच कैंट बोर्ड कर्मचारियों और लोगों में बीच बचाव में झड़प भी हुई, लेकिन पब्लिक नहीं मानी। इतने में जीओसी अपनी गाड़ी से बाहर आ गए। काफी चुप कराने के बाद पब्लिक शांत हुई और उनकी बातों को सुना।

ये टॉर्चर बंद किया जाए

ख्क्0 बी की महिलाओं और पुरुषों ने जीओसी से कहा कि अभी हमारा केस हाईकोर्ट ओर सुप्रीम कोर्ट में जारी है। तो कैंट बोर्ड नोटिस भेजकर और पुलिस फोर्स मांगकर हमारा क्यों मेंटल टॉर्चर कर रहा है? आखिर कैंट बोर्ड के अधिकारी डिमोलिशन के अलावा कोई दूसरा रास्ता क्यों नहीं निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इसका कंपाउंड कर दिया जाए तो बोर्ड को भी फायदा होगा और हमारे घर भी बच जाएंगे।

काफी प्रयास कर रहे हैं

वहीं जीओसी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि न तो पाकिस्तानी हूं और न ही आप। मैं भी आपकी तरह ही हूं। मैं आपके दर्द को समझ सकता हूं। आखिर इस मुद्दे को कोर्ट लेकर कौन गया? आप लेकर गए। हम सिर्फ कोर्ट और ऊपर मंत्रालय के ऑर्डर को फॉलो कर रहे हैं। आप इसके लिए स्वतंत्र हैं कि आप रक्षा मंत्रालय में बात करें। ऊपरी अदालत में जाएं। हम भी चाहते हैं कि इस मसले का कोई हल निकले, जिससे किसी का भी कोई नुकसान न हो। फिर उन्होंने वहां के लोगों के पाच लोगों को बुलाया और बात की।

सांसद ने सीईओ लिखा पत्र

कैंट बोर्ड के सीईओ सांसद ने लेटर लिखा। उन्होंने नोटिस देने में मामले कहा कि लोगों पर इस तरह का उत्पीड़न न किया जाए। उन्होंने अपने लेटर में सुप्रीम कोर्ट के फ्0 जनवरी क्ब् के उस जजमेंट का भी जिक्र किया जिसमें जज आरएम लोढ़ा की तीन सदस्यीय पीठ ने विवादित जमीन पर अपना निर्णय दिया था। सांसद ने इस बात को भी उठाया कि उन अधिकारियों को सजा मिलनी चाहिए जो इस बंगले के निर्माण में संलिप्त हैं। उसके बाद बोर्ड की उपाध्यक्ष ने भी उस मामले को बोर्ड में उठाया और कहा कि अधिकारियों के खिलाफ की जानी चाहिए। जीओसी ने कहा कि इस पर डीजीडीई ने अपना निर्णय ले लिया है।

जनरल वीके यादव ने देश के राष्ट्रीय धरोहर का अपमान किया है। ये उनकी अशिष्ठता को दर्शाता है। जो पूरी तरह से गलत है। उन्होंने लोगों की संवेदनाओं और श्रद्धा को आहत किया है। ये काफी निदंनीय बात है।

- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद

कैंट बोर्ड के पीसीबी ने अगर ये बात कही है तो बहुत ही निंदनीय है। ये मंदिर के अलावा लोगों की संवेदनाओं और श्रद्धा का अपमान किया है। मैं इसका कड़ा विरोध करता हूं।

- सतीश कुमार सिंहल, महामंत्री, औघड़नाथ मंदिर समिति