कसारी-मसारी एरिया वालों के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे एडीए के अधिकारी

ALLAHABAD: एडीए की कालिंदीपुरम आवास योजना, कसारी-मसारी आवास योजना और आवास विकास परिषद की जीटीबी नगर आवास योजना को जोड़ने वाली जिस 1600 मीटर लंबी रोड और पूरे एरिया को अवैध बताया जा रहा है, वहां का सर्किल रेट सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। इसके आधार पर हजारों लोगों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री की गई है। लेकिन ये बात भी सही है कि नक्शे में एडीए या फिर नगर निगम की रोड का कहीं कोई जिक्र नहीं है।

सड़क का कोई माई-बाप नहीं

कसारी-मसारी में बस चुके हजारों परिवार आज जब मूलभूत सुविधाओं की मांग कर रहे हैं, तो एडीए पल्ला झाड़ रहा है। जबकि एडीए अधिकारियों की मौन सहमति और स्वीकृति से हुई अवैध प्लाटिंग के कारण ही एक मिनी शहर बस चुका है, जो नगर निगम के चुनाव वार्ड 63, 64, 80 का हिस्सा बन चुका है। नगर निगम द्वारा सभी मकानों को मकान नंबर दिया गया है। जलकल विभाग पानी का कनेक्शन दे चुका है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा सीवर लाइन बिछाई जा रही है, लेकिन मुख्य सड़क जिससे हजारों लोगों का आना-जाना है, उसका कोई माई बाप नहीं है।

जवाब देने से कतरा रहे अधिकारी

कसारी-मसारी के जिस 1600 मीटर लंबी रोड को बनवाने की मांग चल रही है, नगर निगम उसे एडीए का एरिया बता रहा है। वहीं एडीए अधिकारी हैं कि कोई जवाब देने को तैयार ही नहीं हैं। एडीए वीसी बीसी गोस्वामी को इस समस्या से अवगत कराते हुए उनका पक्ष मांगा गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वहीं एडीए के अपर सचिव गुडाकेश शर्मा भी जवाब देने से कतराते रहे। कई बार कॉल करने पर भी कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं वाट्सएप पर मैसेज पढ़ने के बाद भी जवाब देना मुनासिब नहीं समझा।

कसारी-मसारी करेली एरिया में विकास कार्य इसलिए नहीं हो पा रहे हैं, क्योंकि अवैध तरीके से प्लाटिंग कर लोगों को जमीन बेचे गए हैं। वहां रह रहे लोग नगर निगम के नागरिक हैं। लेकिन जिन लोगों ने अवैध तरीके से प्लाटिंग की है, वे दोषी हैं। लोग रजिस्ट्री के डॉक्यूमेंट्स अवेलेबल कराएं, ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। रही बात कार्यो की तो उसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही हर जगह कार्य शुरू होंगे।

अभिलाषा गुप्ता

मेयर

नगर निगम, इलाहाबाद

कालिंदीपुरम आवास योजना एडीए ने नगर निगम को हैंड ओवर नहीं की है। एडीए द्वारा विकास कार्य के लिए टेंडर निकाला गया है। काम होने के बाद नगर निगम को हैंड ओवर किया जा सकता है। इसके बाद ही विकास कार्य की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। इसके बाद भी कालिंदीपुरम व अन्य एरिया में सफाई कार्य आदि कराया जा रहा है।

हरिकेश चौरसिया

नगर आयुक्त, नगर निगम