- कालका मेल हादसे में अभी तक नहीं हुई दोषियों पर कार्रवाई

- सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी

- 71 की गई थी जान, 91 हुए थे <

- कालका मेल हादसे में अभी तक नहीं हुई दोषियों पर कार्रवाई

- सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी

- 7क् की गई थी जान, 9क् हुए थे seriously injured

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ALLAHABAD : allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD : कहते हैं हर गुनाह की सजा मुकर्रर होती है तो फिर रेलवे कैसे चूक गया। क्या उसे कालका मेल हादसे में मरने वालों की चीखें नहीं सुनाई दीं। मुआवजा और नौकरी दे देने से क्या किसी का गुनाह छिपाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही हो रहा है क्0 जुलाई ख्0क्क् में हुए कालका मेल हादसे के साथ। फतेहपुर के मलवां स्टेशन के पास हुए इस डिरेलमेंट में कई यात्रियों की जान गई थी तो दर्जनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ढाई साल बीतने के बाद भी इस दुर्घटना के दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई है। जिसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत जारी रिपोर्ट में हुआ है।

ये पाए गए दोषी

इस हादसे के दोषी कौन हैं और उनको क्या अब तक सजा मिली? इन सवालों को लेकर सुलेमसराय के महफूज आलम द्वारा आरटीआई दाखिल की गई थी। जिसके जवाब में नार्थ सेंट्रल रेलवे के उप महाप्रबंधक व जन सूचना अधिकारी एसएस नेगी ने बताया कि जांच में प्रारंभिक रूप में फतेहपुर में तैनात वेल्डर सीताराम, एसएसई फतेहपुर शकील अहमद और एसएसई फतेहपुर यशवीर सिंह को दोषी पाया गया है। दुर्घटना जांच में प्रारंभिक जांच से लेकर जांच पूरी होने तक जो भी दोषी पाए गए हैं उन कर्मचारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है। क्योंकि जांच रिपोर्ट पर अभी तक रेलवे बोर्ड से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है।

क्यों लग रहा है इतना समय

दुर्घटना मलवां स्टेशन के नजदीक क्0 जुलाई ख्0क्क् को हुई थी। जिसमें कुल 7क् यात्रियों की जान गई थी, 9क् लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे और क्7फ् यात्रियों को साधारण चोटें आई थीं। हादसा इतना भीषण था कि घटना स्थल से बॉडी निकालने में रेलवे को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। मरने वालों के परिवार बेसहारा हो गए थे। रेलवे ने मामले की जांच मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त लखनऊ को सौंपी थी जो ख्भ् अप्रैल ख्0क्ख् में पूरी हो गई थी। तब से अभी तक इन तीनों पर दोष सिद्ध होने के बावजूद रेलवे सांस नहीं ले रहा है। जबकि, अक्सर घटना के कारणों और दोषियों को लेकर सवाल खड़े होते रहे और रेलवे इन्हें टालता रहा।

ब्क् को मिली नौकरी, छह मामले पेंडिंग

रेलवे का दावा है कि इस हादसे में मृत ब्7 यात्रियों के आश्रितों को कम्पंसेशन के रूप में नौकरी प्रदान की गई है। बता दें कि इनमें से ब्क् को नौकरी प्रदान कर दी गई और छह आश्रितों को नाबालिग होने पर उनका रजिस्ट्रेशन कर लिया गया है। इन्हें बालिग होने के बाद ज्वाइनिंग दी जाएगी। इसके अलावा 8फ् मामलों में मुआवजे की रकम दी गई है। इनमें डेड और इंजर्ड दोनों तरह के यात्री के मामले मौजूद हैं। महफूज आलम ने सूचना के अधिकार के तहत 8 जनवरी ख्0क्ब् को जानकारी मांगी थी। उन्हें रेलवे ने इसका जवाब जानकारी के तौर पर क्0 फरवरी ख्0क्ब् को सौंपा। जिसमें जांच में तीन कर्मचारियों के दोषी होने की पुष्टि की गई है।

अभी भी भटक रहे हैं अपने

इतना ही नहीं इस हादसे से जुड़े दो मृतकों का मामला अभी डीएनए रिपोर्ट नहीं आने से पेंडिंग हैं। इनमें एक ब्भ् साल की महिला और एक क्ब् वर्षीय किशोर शामिल है। इन दोनों की बॉडी पोस्टमार्टम के लिए इलाहाबाद भेजी गई थी। घरवाले बिना किसी कागजी प्रूफ के पहुंचे तो रेलवे ने शिनाख्त की पुष्टि करने से इंकार कर दिया। इससे पहले कि परिजन दोबारा प्रूफ लेकर पहुंचते, पुलिस ने दोनों बॉडी का ब्लड सैंपल लेकर दाह संस्कार कर दिया था। अब घरवालों की सैंपल लेकर मैचिंग के लिए लखनऊ लैब भेजा है लेकिन अभी तक इसकी रिपोर्ट नहंी आ सकी है। ऐसे में घरवाले अभी तक अपनों की पहचान के लिए भटक रहे हैं।

ये थे आरटीआई के सवाल

- कालका मेल से संबंधित आरटीआई में महफूज आलम ने यह सवाल रेलवे से पूछे थे

- क्या क्0 जुलाई ख्0क्क् के फतेहपुर के मलवां स्टेशन के पास हुए कालका मेल हादसे की जांच पूरी हो चुकी है?

- अगर जांच पूरी हो गई है तो आखिर किसकी लापरवाही से इतना बड़ा हादसा हुआ था?

- उस रेल हादसे के बाद प्रारंभिक जांच से लेकर जांच पूरी होने तक जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?

- उस हादसे के बाद मृतकों के परिजनों व घायल व गंभीर घायलों को कितना मुआवजा दिया गया?

- उस हादसे में कितने लोगों की जान गई, कितने घायल तथा कितने गंभीर रूप से घायल हुए?

- क्या उस हादसे में मृतकों के परिवार कि किसी सदस्य को रेलवे की ओर से नौकरी दी गई है, अगर हां तो किस रेल अधिनियम के तहत दी गई है?

- क्या उस हादसे में सभी मृतकों के परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी गई या कुछ ही मृतकों के परिवार के किसी सदस्य को?

- अगर लागू हुआ हो तो मुआवजा पाने वाले का नाम और शहर का नाम बताएं?

- अगर लागू हो तो उसे हादसे के मृतकों के परिवार के जिस जिस व्यक्ति को रेलवे की ओर से नौकरी दी गई उसका नाम, शहर का नाम और मृतक में संबंध क्या है?

- अगर इस हादसे कि जांच अभी तक नहीं हुई है तो इसका कारण क्या है जो अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है?