कानपुर।  मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में कल कमलनाथ ने पद भार संभाला। कमलनाथ को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 18वें मुख्यमंत्री के रूप में राजधानी के जंबूरी मैदान में शपथ दिलाई। ऐेसे में मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही कमलनाथ ने किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ करने के आदेश दे दिया। उन्हाेंने ऐलान किया कि मध्य प्रदेश सरकार राष्ट्रीयकृत और सहकारी बैंकों से 2 लाख रुपये तक किसानों द्वारा उठाए गए ऋणों को छोड़ने का फैसला लेती है। इससे किसानाें में खुशी की लहर दाैड़ गई।

सीएम बनते ही कमलनाथ ने माफ किया कर्ज बोले,यूपी-बिहार के लाेगों की वजह से एमपी के युवा बेरोजगार

70 फीसदी रोजगार मध्य प्रदेश के युवाओं को दिए जाएंगे

इतना ही नहीं सीएम का चार्ज संभालने के बाद उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए नई छूट नीतियां तैयार हैं। हालांकि  'हमारी छूट देने वाली नीति उन उद्योगों के लिए ही लागू होंगी जहां 70 फीसदी रोजगार मध्य प्रदेश के युवाओं को दिए जाएंगे। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से लोग मध्य प्रदेश आते हैं और राेजगार पाते हैं जब कि यहां के स्थानीय लोगों नौकरी नहीं मिल पाती है। आज मैंने इसके लिए फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि उनके इस बयान से यूपी बिहार के लोगाें मेें नाराजगी दिख रही है।

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10 दिन के अंदर किसानों का कर्जा माफी का किया था वादा

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव के दौरान की गई सभाओं में वादा किया था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही 10 दिन के अंदर किसानों का कर्जा माफ कर दिया जाएगा। ऋण छूट के वादे का कांग्रेस को बड़ा फायदा भी मिला है। यहां बीजेपी का शासन पिछले 15 सालों से था लेकिन इस बार कांग्रेस ने जीत हासिल की। कांग्रेस ने 230 विधानसभा सीटों में 114 सीटें जीती हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री के रूप में कल कमलनाथ के शपथ ग्रहण करते ही कर्जमाफी का फैसला लिया गया।

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