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KANPUR: कंगना रनोट का कॉन्ट्रोवर्सी से गहरा नाता रहा है। पिछले हफ्ते 'ईशा फाउंडेशन' के लीडर सद्गुरु के हुई बातचीत के बाद एक बार फिर वह कॉन्ट्रोवर्सी का हिस्सा बनती नजर आ रही हैं। दरअसल, उनकी सद्गुरु से हुई एक बातचीत वायरल हो रही है और कई लोगों ने उनपर देश में गौरक्षा के नाम पर हो रही 'लिनचिंग' की घटनाओं को जस्टिफाई करने का और लिबरल्स को बेवजह फटकारने का आरोप लगाया है।   
जरूरी मुद्दों पर हुई बात
31 साल की इस एक्ट्रेस के मुताबिक, 'स्प्रिचुएलिटी आज की जरूरत है। हम वहां पर जरूरी मुद्दों पर बात कर रहे थे। देश में लोग कुपोषित हैं, एजुकेशन उनके पास तक नहीं पहुंची है, उनकी बेसिक जरूरतें भी पूरी नहीं हो रही हैं और हमारे तथाकथित लिबरल्स अपनी दुनिया में खोए हुए हैं।' कंगना का कहना था कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। 
नहीं की हिंसा नॉर्मलाइज करने की कोशिश
 अपनी बातचीत के एक सेगमेंट में कंगना ने कहा था कि लिनचिंग की घटनाओं से उनका दिल दुखता है। वह सद्गुरु की उस बात से भी इत्तेफाक रखती नजर आई थीं कि जो लोग आज हिंसा की बात कर रहे हैं उन्होंने इंडिया देखा तक नहीं है। वे शहरों में रहते हैं और बिना रुके ऐसे मुद्दों पर बात करते हैं। जब कंगना ने पूछा गया कि क्या यह गौरक्षा को लेकर होने वाली हिंसा को नॉर्मलाइज करने की कोशिश है तो उन्होंने कहा, 'हमने किसी भी प्वॉइंट पर लिनचिंग को नॉर्मलाइज करने की कोशिश नहीं की थी। अगर कोई धर्म गाय की पूजा करता है तो आप गाय की हत्या नहीं कर सकते। मैं एक 'वेगन' हूं और कच्चा मांस देख भी नहीं सकती। मुझे मेरी पसंद के लिए शर्मिंदा नहीं किया जा सकता। अगर यह एक सेंटिमेंटल चीज है तो लोगों को उकसाने का क्या मतलब है?'  
सबकी भावनाओं की होनी चाहिए कद्र
कंगना ने आगे कहा कि 'लिबरल' होने का चोला पहनकर कोई किसी के सेंटिमेंट्स को हर्ट नहीं कर सकता। इसको लेकर उनका कहना है, 'हमारे जैसे विविधतापूर्ण देश में हमें लोगों की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए। आखिर इन तथाकथित लिबरल्स  को यह बात समझ क्यों नहीं आती? दूसरों की चीजों का ख्याल न रखने से आप लिबरल नहीं हो जाते।'  
'वे लोग मुझे परेशान नहीं कर सकते' 
जब कंगना से उनपर लगे 'एंटी-लिबरल' होने के आरोप को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि वह 'लिब्रलिज्म' को लेकर उन लोगों की सोच से इत्तेफाक नहीं रखती हैं। कंगना के मुताबिक, 'मैं जानती हूं कि मैं सबसे लिबरल इंसान हूं। खुद को लिबरल घोषित कर चुके वे लोग, जो आज अटेंशन पाने की कोशिश कर रहे हैं, वे मुझे परेशान नहीं कर सकते। उनका एजेंडा सरकार के खिलाफ जाना है, नेशनल एंथम के खिलाफ प्रदर्शन करना है, पर वे देश के लिए क्या स्टैंड ले रहे हैं? हमारी सिचुएशन को मजबूत आइडियल्स के जरिए सही करने की जरूरत है तभी हम इस गड्ढे से बाहर आ सकेंगे।' 

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KANPUR: कंगना रनोट का कॉन्ट्रोवर्सी से गहरा नाता रहा है। पिछले हफ्ते 'ईशा फाउंडेशन' के लीडर सद्गुरु के हुई बातचीत के बाद एक बार फिर वह कॉन्ट्रोवर्सी का हिस्सा बनती नजर आ रही हैं। दरअसल, उनकी सद्गुरु से हुई एक बातचीत वायरल हो रही है और कई लोगों ने उनपर देश में गौरक्षा के नाम पर हो रही 'लिनचिंग' की घटनाओं को जस्टिफाई करने का और लिबरल्स को बेवजह फटकारने का आरोप लगाया है।   

जरूरी मुद्दों पर हुई बात

31 साल की इस एक्ट्रेस के मुताबिक, 'स्प्रिचुएलिटी आज की जरूरत है। हम वहां पर जरूरी मुद्दों पर बात कर रहे थे। देश में लोग कुपोषित हैं, एजुकेशन उनके पास तक नहीं पहुंची है, उनकी बेसिक जरूरतें भी पूरी नहीं हो रही हैं और हमारे तथाकथित लिबरल्स अपनी दुनिया में खोए हुए हैं।' कंगना का कहना था कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। 

नहीं की हिंसा नॉर्मलाइज करने की कोशिश 

ट्रोल्स के आगे नहीं झुकी कंगना,कहा अपनी बात पर हूं कायम

 अपनी बातचीत के एक सेगमेंट में कंगना ने कहा था कि लिनचिंग की घटनाओं से उनका दिल दुखता है। वह सद्गुरु की उस बात से भी इत्तेफाक रखती नजर आई थीं कि जो लोग आज हिंसा की बात कर रहे हैं उन्होंने इंडिया देखा तक नहीं है। वे शहरों में रहते हैं और बिना रुके ऐसे मुद्दों पर बात करते हैं। जब कंगना ने पूछा गया कि क्या यह गौरक्षा को लेकर होने वाली हिंसा को नॉर्मलाइज करने की कोशिश है तो उन्होंने कहा, 'हमने किसी भी प्वॉइंट पर लिनचिंग को नॉर्मलाइज करने की कोशिश नहीं की थी। अगर कोई धर्म गाय की पूजा करता है तो आप गाय की हत्या नहीं कर सकते। मैं एक 'वेगन' हूं और कच्चा मांस देख भी नहीं सकती। मुझे मेरी पसंद के लिए शर्मिंदा नहीं किया जा सकता। अगर यह एक सेंटिमेंटल चीज है तो लोगों को उकसाने का क्या मतलब है?'  

सबकी भावनाओं की होनी चाहिए कद्र

कंगना ने आगे कहा कि 'लिबरल' होने का चोला पहनकर कोई किसी के सेंटिमेंट्स को हर्ट नहीं कर सकता। इसको लेकर उनका कहना है, 'हमारे जैसे विविधतापूर्ण देश में हमें लोगों की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए। आखिर इन तथाकथित लिबरल्स  को यह बात समझ क्यों नहीं आती? दूसरों की चीजों का ख्याल न रखने से आप लिबरल नहीं हो जाते।'  

'वे लोग मुझे परेशान नहीं कर सकते' 

जब कंगना से उनपर लगे 'एंटी-लिबरल' होने के आरोप को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि वह 'लिब्रलिज्म' को लेकर उन लोगों की सोच से इत्तेफाक नहीं रखती हैं। कंगना के मुताबिक, 'मैं जानती हूं कि मैं सबसे लिबरल इंसान हूं। खुद को लिबरल घोषित कर चुके वे लोग, जो आज अटेंशन पाने की कोशिश कर रहे हैं, वे मुझे परेशान नहीं कर सकते। उनका एजेंडा सरकार के खिलाफ जाना है, नेशनल एंथम के खिलाफ प्रदर्शन करना है, पर वे देश के लिए क्या स्टैंड ले रहे हैं? हमारी सिचुएशन को मजबूत आइडियल्स के जरिए सही करने की जरूरत है तभी हम इस गड्ढे से बाहर आ सकेंगे।' 

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